अमरावती, चार जून (भाषा) आंध्र प्रदेश में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने 2024 के चुनाव परिणाम घोषित किए जाने और उसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की सरकार के गठन का एक साल पूरा होने पर इसे ‘विश्वासघात दिवस’ बताते हुए राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन किया।
वाईएसआरसीपी के सैकड़ों नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने तिरुपति, विजयवाड़ा, अनंतपुर जैसे कई प्रमुख शहरों समेत राज्यभर में आयोजित मार्च में हिस्सा लिया।
तेदेपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनसेना वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने विधानसभा की 175 में से 164 सीट जीतकर शानदार जीत हासिल की थी और वाईएसआरसीपी को सिर्फ 11 सीट पर समेट दिया थी। चुनाव परिणाम ठीक एक साल पहले घोषित किए गए थे।
तख्तियां और काले झंडे लेकर वाईएसआरसीपी के समर्थकों ने एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार की निंदा की और उसके खिलाफ नारे लगाए।
वाईएसआरसीपी के एक नेता ने मीडिया से कहा, ‘‘चंद्रबाबू नायडू और गठबंधन के नेताओं ने राज्य में सभी वर्गों के लोगों के साथ धोखा किया और उनकी पीठ में छुरा घोंपा।’’
तिरुपति में विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं की तख्तियों पर लिखा गया था, ‘‘बाबू (नायडू) ने लोगों को धोखा दिया है और आज विश्वासघात दिवस है।’’
प्रदर्शनकारियों ने 2024 के चुनाव अभियान के दौरान नायडू द्वारा किए गए ‘सुपर सिक्स’ (प्रमुख छह) वादों के पूरा नहीं होने का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्री पर 19 से 59 वर्ष की आयु की महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने का वादा पूरा न करके महिलाओं को ‘‘धोखा’’ देने का आरोप लगाया गया।
प्रमुख छह वादों में युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियां या 3,000 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शामिल है।
इस बीच, तेदेपा महासचिव और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि ठीक एक साल पहले लोकतंत्र की जीत हुई थी और लोगों ने ‘‘विध्वंसक’’ शासन पर जीत हासिल की थी।
लोकेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लोगों की आकांक्षाओं ने अराजक और गुटबाजी वाले शासन पर शानदार जीत हासिल की है। यह जीत पांच करोड़ लोगों की जीत है। लोगों के फैसले ने हमारे गठबंधन की जिम्मेदारी को और बढ़ा दिया है।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में नायडू के अनुभव और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से आंध्र प्रदेश का पुनर्निर्माण शुरू हो गया है।
भाषा खारी नरेश
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