29.7 C
Jaipur
Monday, August 11, 2025

उप्र: राज्यपाल ने पीलीभीत में जिला कारागार का निरीक्षण किया, महिला बंदियों से बातचीत की

Newsउप्र: राज्यपाल ने पीलीभीत में जिला कारागार का निरीक्षण किया, महिला बंदियों से बातचीत की

लखनऊ, चार जून (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पीलीभीत जिले के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान बुधवार को जिला कारागार का निरीक्षण किया और महिला बंदियों से बातचीत की। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

इस अवसर पर उन्होंने कारागार परिसर में स्थापित ‘सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन’, ‘सेनेटरी डिस्ट्रॉयर मशीन’, ‘एलईडी टीवी’ तथा वाटर कूलर का उद्घाटन किया और अपील की कि ठंडा पानी पीयें लेकिन पानी की बर्बादी रोकें।

राज्यपाल ने महिला बंदियों से संवाद करते हुए उन्हें जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी और कहा, ‘‘मन में बदले की भावना न रखें। रिहाई के बाद एक अच्छा, सम्मानजनक जीवन जीने का प्रयास करें और विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।’’

उन्होंने कारागार प्रशासन को निर्देश दिए कि ऐसे बंदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है या जिनकी शेष सजा दो-तीन वर्ष है और जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

राज्यपाल ने महिला बंदियों को साड़ी तथा फल की टोकरी भेंट की।

उन्होंने कहा कि देशभर में नारी सशक्तीकरण की दिशा में निरंतर कार्य हो रहा है।

बयान के अनुसार राज्यपाल ने कारागार के भ्रमण पर आए स्कूली छात्र-छात्राओं से भी संवाद किया और उनसे अनुशासन के साथ जीवन जीना सीखना की अपील की।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कारागार भ्रमण के दौरान देखी गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और जेल भ्रमण के अनुभवों के आधार पर निबंध लिखकर राजभवन भेजने को कहा।

उन्होंने विद्यार्थियों को उपहार भी भेंट किए और उन्हें भविष्य में फिर से जेल का भ्रमण करने तथा महिला बंदियों से बातचीत कर उनके जीवन को जानने-समझने के लिए प्रेरित किया।

आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया कि विद्यार्थियों को थाना परिसरों का भी भ्रमण कराया जाए, जिससे वे पुलिस व्यवस्था को निकट से समझ सकें।

उन्होंने कहा कि बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कारागार प्रशासन को निर्देशित किया कि मानसिक शांति एवं नैतिक जागरुकता हेतु बंदियों को धार्मिक व आध्यात्मिक चैनल दिखाए जाएं।

दहेज प्रथा पर चर्चा करते हुए उन्होंने इसे एक गंभीर सामाजिक अपराध बताया और कहा कि इसे समाप्त करने के लिए सामाजिक स्तर पर व्यापक जागरुकता की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सास को अपनी बहू को बेटी के समान समझना चाहिए, तभी समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

भाषा जफर खारी

खारी

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles