मुंबई, चार जून (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 29 पैसे टूटकर 85.90 (अस्थायी) पर बंद हुआ। जोखिम से बचने की धारणा और विदेशी कोषों की निकासी के कारण रुपये में गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण रुपये पर दबाव रहा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणाओं से भी संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू हुई। बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक शुक्रवार को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकता है। अगली नीतिगत बैठक में भी रेपो दर में कमी की जा सकती है। एसबीआई रिसर्च को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक जून में ही रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती करेगा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.69 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.69 के उच्च और 86.05 के निचले स्तर के बीच रहा। कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.90 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 29 पैसे की गिरावट है।
मंगलवार को रुपया 22 पैसे टूटकर 85.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत घटकर 99.11 पर रहा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.41 प्रतिशत बढ़कर 65.90 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 260.74 अंक बढ़कर 80,998.25 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 77.70 अंक की बढ़त के साथ 24,620.20 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 2,853.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश अजय
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