नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) कांग्रेस ने जातिगत जनगणना वर्ष 2026 एवं 2027 में दो चरणों में कराए जाने के फैसले को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ ‘हेडलाइन’ (सुर्खियां) बटोरने में सक्षम में है, ‘डेडलाइन’ (समयसीमा) पूरा करने में नहीं।
लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जातीय गणना के साथ जनगणना की शुरुआत एक अक्टूबर, 2026 को होगी जबकि बाकी देश में इस प्रक्रिया की शुरुआत एक मार्च, 2027 से होगी। गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वास्तव में 2021 में होने वाली जनगणना को लेकर अगले 23 महीनों की देरी करने का कोई कारण नहीं है। मोदी सरकार केवल ‘हेडलाइन’ बटोरने में सक्षम है, ‘डेडलाइन’ पूरा करने में नहीं।’’
भारत में जनगणना का काम जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत पूरा किया जाता है।
पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी। पहला चरण एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच चला था जिसमें मकानों की गिनती की गई थी और दूसरा चरण नौ फरवरी से 28 फरवरी 2011 तक चला था जिसमें लोगों की गिनती की गई थी।
भाषा हक
हक संतोष
संतोष