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Thursday, August 7, 2025

जापान के महावाणिज्य दूत अजित पवार से मिले, महाराष्ट्र में जापानी कंपनियों की चिंताओं पर बात की

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मुंबई, चार जून (भाषा) जापान के महावाणिज्य दूत यागी कोजी ने बुधवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की और पुणे सहित पूरे राज्य में जापानी कंपनियों के समक्ष आ रही समस्याओं के समाधान के उपायों पर चर्चा की।

पवार के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, बैठक में उद्योग और अर्थव्यवस्था के अलावा सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में भी सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

कोजी ने पवार से दक्षिण मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुलाकात की।

बयान के अनुसार, भारत और जापान स्वाभाविक सहयोगी हैं तथा उनके बीच विशेष आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। जापान ने भारत में औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।

इसमें कहा गया कि जापान ने भारत में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश किया है और 300 से अधिक जापानी कंपनियां महाराष्ट्र में काम कर रही हैं, जिनमें 50 से अधिक पुणे और उसके आसपास हैं।

इसमें पवार के हवाले से कहा गया, ‘‘इन कंपनियों की चिंताओं का समाधान करना और उद्योग अनुकूल माहौल बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।’’

बयान के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार मुंबई, पुणे और राज्य के अन्य क्षेत्रों में सक्रिय जापानी कंपनियों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देगी।

बयान में कहा गया, ‘‘सरकार अच्छी सड़कें, पर्याप्त बिजली, स्वच्छ पानी और सुरक्षित वातावरण जैसी आवश्यक बुनियादी चीजें प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पुणे के औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत की जाएगी।’’

इसमें कहा गया कि पुणे जिले में सनसवाड़ी से पिंपल जगताप तक सड़क बनाने के लिए कुल 80 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

बयान के अनुसार, परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जारी है और मानसून के बाद सड़क निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।

इसमें कहा गया कि बैठक के दौरान मियावाकी उद्यान, सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) निधि, जेआईसीए (जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी), एसटीपी (जलमल शोधन संयंत्र) और बाढ़ नियंत्रण जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।

बयान में कहा गया कि जापानी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुणे में एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें उनकी चिंताओं पर चर्चा होगी तथा नीति और कर संबंधी मामलों पर भी चर्चा की जाएगी।

भाषा पारुल नेत्रपाल

नेत्रपाल

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