नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की की ‘विश्वसनीय’ गवाही के आधार पर एक व्यक्ति को 2022 में अपहरण, बलात्कार और आपराधिक रूप से धमकाने के लिए दोषी ठहराया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने 32 वर्षीय व्यक्ति को दोषी ठहराया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने अदालत को बताया कि 26 जुलाई 2022 को आरोपी ने किशोरी को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर उस पर दबाव बनाया और उसे एक होटल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
उन्होंने बताया कि उसने पीड़िता पर चाकू से वार किया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को अपनी आपबीती बताई तो वह उसके भाई-बहनों को जान से मार देगा।
अदालत ने 31 मई के आदेश में कहा, ‘यह जानते हुए भी कि पीड़िता की उम्र 13 साल और सात महीने थी (उस समय 18 साल से कम) आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर बहकाया, उसे उसके माता-पिता के वैध संरक्षण से दूर ले गया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।’
अदालत ने पीड़िता की गवाही को ‘स्पष्ट, सुसंगत, विश्वसनीय और बेदाग’ पाया और कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं था जो आरोपी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न और अन्य आरोपों के संबंध में उसकी गवाही को खारिज कर सके।
भाषा
शुभम माधव
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