नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) दिल्ली के चांदनी चौक में दिनदहाड़े हुई डकैती के सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और लूटी गई लगभग पूरी रकम 35 लाख रुपये बरामद कर ली है। यहां एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह डकैती एक कपड़ा व्यवसायी के कार्यालय में बंदूक के बल पर एक गिरोह द्वारा की गई थी, जो जेल संपर्कों और सोशल मीडिया के माध्यम से एक साथ आए थे।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों की पहचान शेखर, निखिल, साहिल और तुषार के रूप में हुई है। मुख्य साजिशकर्ता शेखर ने लक्षित स्थान की पूरी तरह से रैंकी की थी।
उत्तर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजा बांठिया ने एक बयान में कहा, ‘‘वह तिहाड़ जेल में बंद अपने भाई दिवांश उर्फ रावण के माध्यम से सह-आरोपी तुषार के संपर्क में आया।’’
पुलिस ने बताया कि गिरोह के ये लोग एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए सोशल मीडिया खातों का इस्तेमाल करते थे, ताकि पुलिस उन्हें पकड़ न सके।
डीसीपी ने बताया, ‘‘दो जून को अपराह्न करीब दो बजे तीन हथियारबंद हमलावर चांदनी चौक के कटरा नील स्थित विक्की जैन के दफ्तर में घुस आए।’’
उन्होंने बताया कि गोलियां चलाने के बाद आरोपियों ने वहां अलमारी से 35 लाख रुपये की नकदी लूट ली।
पुलिस ने बताया कि लाहौरी गेट थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीम गठित की गईं।
डीसीपी ने बताया कि डकैती के तुरंत बाद पुलिस टीम ने चांदनी चौक, लाहौरी गेट और लाल किला इलाकों में लगे 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।
उन्होंने बताया, ‘‘फुटेज में संदिग्धों को अपराध स्थल से भागते हुए और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक ऑटो-रिक्शा में सवार होते हुए देखा गया। संदिग्धों का पीछा कर रही टीम शाहदरा से होते हुए उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंची।’’
बागपत की इंदिरा कॉलोनी में स्थानीय लोगों ने फुटेज में दिख रहे एक व्यक्ति की पहचान बड़ौत के थोडी निवासी निखिल और दूसरे की पहचान शेखर के रूप में की।
पुलिस ने शेखर के घर पर छापामार उसे पकड़ लिया। शेखर की मदद से निखिल को उसके गांव से पकड़ लिया गया। उसने तुषार और साहिल को भी सह-साजिशकर्ता बताया और कहा कि लूट का उसका हिस्सा, करीब 13 लाख रुपये उसके घर पर थे।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान शेखर ने खुलासा किया कि गिरोह का गठन तिहाड़ जेल के अंदर शुरू हुआ था। डकैती के एक मामले में कैदी उसके भाई दिवांश ने सोशल मीडिया के जरिए शेखर को तुषार से मिलवाया था। तुषार भी द्वारका डकैती के एक मामले में पहले तिहाड़ में बंद था। जांच करने पर पता चला कि तुषार रोहतक के कलानौर गांव का रहने वाला है।
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यासिर माधव
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