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Thursday, July 10, 2025

पाकिस्तान : वित्त वर्ष 25-26 के लिए 4,224 अरब रु के राष्ट्रीय विकास बजट को मंजूरी

Newsपाकिस्तान : वित्त वर्ष 25-26 के लिए 4,224 अरब रु के राष्ट्रीय विकास बजट को मंजूरी

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, पांच जून (भाषा) प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में पाकिस्तान की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (एनईसी) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4,224 अरब रुपये के राष्ट्रीय विकास बजट को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है।

एनईसी ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) की 4.2 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

‘रेडियो पाकिस्तान’ की ओर से बुधवार को जारी खबर के अनुसार, इस्लामाबाद में बुधवार को हुई एनईसी की बैठक में पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के चार प्रांतीय मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।

बैठक में 30 जून को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने की घोषणा भी की गई।

पाकिस्तान एक जुलाई से 30 जून तक के वित्त वर्ष का अनुसरण करता है।

प्रधानमंत्री शरीफ ने बैठक को संबोधित करते हुए भारत के सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान को जल संसाधनों से वंचित करने की भारत की धमकियां अस्वीकार्य हैं और ‘‘हम इस मोर्चे पर भी भारत को मात देंगे।’’

शरीफ ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय एवं वृद्धि दर बढ़ाने में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है, इसलिए कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के तुरंत बाद भारत ने अन्य दंडात्मक उपायों के साथ-साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा की थी।

सिंधु जल संधि पर 1960 में दोनों देशों ने अपने बीच जल विवाद को सुलझाने और सिंधु बेसिन की छह मुख्य नदियों के पानी को साझा करने के लिए हस्ताक्षर किए थे।

इस बीच, एनईसी ने 13वीं पंचवर्षीय विकास योजना और उरान पाकिस्तान खाके को भी मंजूरी दे दी, जो राष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने की एक प्रमुख परियोजना है।

बैठक में बताया गया कि जुलाई 2024 से अप्रैल 2025 तक धन प्रेषण में 30.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और चालू खाता शेष पहली बार सकारात्मक रहा है।

सरकारी नीतियों के कारण नीतिगत दर धीरे-धीरे घटकर 11 प्रतिशत हो गई है, जबकि निजी क्षेत्र के विकास के लिए दिया जाने वाला ऋण जुलाई 2024 से मई 2025 तक बढ़कर 681 अरब रुपये हो गया।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश

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