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Monday, August 11, 2025

पाकिस्तान अपने यहां मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा: बिरला

Newsपाकिस्तान अपने यहां मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा: बिरला

नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि पाकिस्तान अपने यहां मौजूद आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा है और भारत ने भविष्य में पहलगाम जैसे आतंकी हमलों को रोकने तथा अपनी रक्षा करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई की।

‘ब्रिक्स संसदीय मंच’ की बैठक के लिए ब्राजील पहुंचे बिरला ने बुधवार को वहां की सीनेट की अध्यक्ष सेन डेवी अल्कोलंबरे के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह भी कहा कि आतंकवाद विश्व शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘‘भारत में जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।”

उनका कहना था, ‘‘पाकिस्तान अपने क्षेत्र से संचालित आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा है। भारत ने भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने और अपनी रक्षा करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।’’

लोकसभा अध्यक्ष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कार्रवाई किसी को उकसाए बिना आनुपातिक रूप से और जिम्मेदाराना ढंग से की गई तथा इसका एकमात्र उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना और आतंकवादियों को बेअसर करना था।।

उन्होंने बाद में ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में ‘आर्थिक विकास के लिए नए रास्तों की तलाश में ब्रिक्स देशों की संसदों की कार्यवाही’ विषय पर आयोजित कार्य सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ऐसी निष्पक्ष और विधिसम्मत वैश्विक व्यापार प्रणाली का समर्थन करता है जो ‘ग्लोबल साउथ’ की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप हो।

बिरला के अनुसार, विश्वव्यापी अनिश्चितताओं और घरेलू चुनौतियों के बावजूद, भारत ने लगातार वैश्विक औसत विकास से बेहतर प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब विकसित देशों में बढ़ती उम्र वाले लोगों की संख्या अधिक है और श्रमबल की कमी है, भारत दुनिया को कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाले केन्द्र के रूप में उभर रहा है।

बिरला ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में विकासशील देशों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस असंतुलन से वैश्विक समानता और संतुलित विकास में बाधा आ रही है।

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत

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