मुंबई, पांच जून (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल और उनके बेटे पंकज को एक अदालत ने इस पहलू पर विचार करने बाद विदेश यात्रा की अवधि बढ़ाने की अनुमति दे दी कि अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई कार्यालय में आग लगने से उनके पासपोर्ट क्षतिग्रस्त हो गए थे।
भुजबल और पंकज ने यात्रा की तारीख बढ़ाने की मांग करते हुए अपनी याचिकाओं में दावा किया कि इस क्षति के कारण नए “तत्काल” पासपोर्ट के लिए तत्काल आवेदन करना आवश्यक हो गया।
दोनों फिलहाल धन शोधन के एक मामले में जमानत पर हैं और उन्हें बंबई उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विदेश यात्रा के लिए निचली अदालत (पीएमएलए) की अनुमति लेनी होगी।
विशेष अदालत ने 29 अप्रैल को विदेश यात्रा के लिए उनकी याचिका स्वीकार कर ली थी। याचिका में ईडी द्वारा रखे गए पासपोर्ट को वापस करना भी शामिल था।
याचिकाओं के अनुसार, दोनों को 13 मई, 2025 को पासपोर्ट प्राप्त हुए, लेकिन 27 अप्रैल को ईडी के मुंबई कार्यालय में आग लगने के कारण उन्हें मिले ये पासपोर्ट ‘गीले’ और ‘फटे’ हुए थे।
दक्षिण मुंबई में ईडी की कैसर-ए-हिंद बिल्डिंग में 27 अप्रैल की सुबह भीषण आग लग गई थी। लगभग 12 घंटे के अभियान के बाद आग पर काबू पा लिया गया।
आग और उससे हुए नुकसान के कारण नए ‘तत्काल’ पासपोर्ट के लिए तत्काल आवेदन करना ज़रूरी हो गया।
अदालत को बताया गया कि नए पासपोर्ट प्राप्त करने में देरी का मतलब है कि वे केवल 22 मई को ही अपना वीजा प्राप्त कर सके, जो 28 मई, 2025 से वैध हुआ।
याचिका में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप भुजबल अपनी मूल योजना के अनुसार 24 मई, 2025 से 8 जून, 2025 तक की यात्रा शुरू करने में असमर्थ हैं।
अदालत को बताया गया कि उनकी यात्रा 28 मई को शुरू हुई।
इन अप्रत्याशित कठिनाइयों का हवाला देते हुए, भुजबल ने अपनी यात्रा की अवधि 12 जून, 2025 तक बढा़ने की मांग की।
अभियोजन पक्ष ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि भुजबल के फरार होने की पूरी संभावना है, जिससे मुकदमे में देरी हो सकती है।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों के विशेष न्यायाधीश एस. आर. नवंदर ने दो जून के अपने आदेश में कहा कि आरोपी को पहले ही विदेश यात्रा की अनुमति दी जा चुकी है।
अदालत ने यह स्वीकार करते हुए कि ईडी के कब्जे में उनके पासपोर्ट क्षतिग्रस्त हो गए हैं, यात्रा की तारीखों को आगे बढ़ाने की याचिका को स्वीकार कर ली। राकंपा नेता छगन भुजबल ने 20 मई को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
भाषा जोहेब माधव
माधव