मुंबई, छह जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से शुक्रवार को कहा कि बकरीद के दौरान दक्षिण मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में नमाज अदा करने की अनुमति मांगने वाले आवेदन पर वह फैसला करे और बेहतर होगा कि इस पर आज ही निर्णय ले लिया जाए।
न्यायमूर्ति नीला गोखले और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की अवकाशकालीन पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता उमर अब्दुल जब्बार गोपालानी से कहा कि वह सरकार के सामाजिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग से संपर्क कर मैदान में नमाज अदा करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध करें।
गोपालानी ने गामदेवी पुलिस थाने द्वारा सामूहिक नमाज की अनुमति देने से इनकार किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।
बकरीद सात जून को होगी।
पुलिस ने अनुमति देने से इनकार करते हुए तर्क दिया था कि इस तरह के धार्मिक उद्देश्य के लिए सार्वजनिक मैदान का इस्तेमाल करने से ‘‘कानून व्यवस्था’’ और यातायात संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
याचिका में दावा किया गया है कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय पिछले 50 वर्ष से ईद के दौरान सामूहिक नमाज अदा करने के लिए मैदान का उपयोग कर रहा है और यहां कानून-व्यवस्था संबंधी या यातायात की समस्या कभी नहीं हुई।
पीठ ने 2006 में उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि अगस्त क्रांति मैदान के उपयोग की अनुमति केवल महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों एवं सामाजिक न्याय विभाग के सचिव द्वारा दी जा सकती है, क्योंकि मैदान एक ‘‘संरक्षित स्मारक’’ है।
अगस्त क्रांति मैदान वह स्थान है जहां महात्मा गांधी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था।
अदालत ने याचिकाकर्ता को प्राधिकरण के समक्ष आवेदन देने को कहा। उसने साथ ही कहा कि बेहतर होगा यदि इस पर शुक्रवार को ही निर्णय ले लिया जाए।
भाषा सिम्मी पवनेश
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