गुवाहाटी, छह जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने चार दिनों के भीतर दूसरी बार आई बाढ़ से प्रभावित बराक घाटी जिलों का दौरा करते हुए शुक्रवार को लोगों को समय पर पुनर्वास अनुदान देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा उत्सव से पहले सड़क जैसे क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत कर दी जाएगी।
शर्मा ने हैलाकांडी जिले में राहत शिविरों का दौरा करने के बाद श्रीभूमि में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “बाढ़ के कारण समस्याएं जुलाई तक बनी रहेंगी। मैं दुर्गा पूजा से पहले फिर आऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि सड़कें और अन्य क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत की जाए।”
उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जैसे ही पानी कम होगा, नियमों के अनुसार मदद मुहैया कराई जाएगी।
शर्मा ने कहा, “उपायुक्त गहन आकलन करेंगे। पिछले वर्ष हमने पुनर्वास के लिए उचित अनुदान दिया था और इस साल भी देंगे।”
उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में लोगों ने उनसे कहा कि शिविरों में कोई समस्या नहीं है हालांकि बर्तन, कपड़े आदि घरेलू सामान के नुकसान पर वे चिंतित दिखाई दिये।
शर्मा ने पिछले दो दिनों में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई के सिलचर दौरे के बारे में पूछे जाने पर कहा, “उनके (गोगोई) परिवार के चार सदस्यों में से तीन विदेशी हैं। उनका सिलचर आना अपने आप में एक बात है। उनका दिमाग हमारे जैसा काम नहीं करता, उनका दिमाग विदेशी जैसा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझसे मत पूछिए कि वह कहां जाएंगे या नहीं, आपको उनसे पूछना होगा।”
शर्मा, गोगोई पर उनकी ब्रिटिश मूल की पत्नी के माध्यम से उनके पाकिस्तान से संबंध होने का आरोप लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बाद में श्रीभूमि में राहत शिविरों का दौरा किया और विस्थापित लोगों से बातचीत की।
शर्मा ने इससे पहले ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा था कि उन्होंने हैलाकांडी जिले के कालीनगर और पंचग्राम में दो राहत शिविरों का दौरा किया।
उन्होंने लोगों से बातचीत की और शिविरों में दी जा रही सुविधाओं पर उनसे प्रतिक्रिया ली।
मुख्यमंत्री ने सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी किसी भी आवश्यकता की देखरेख भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रभावित लोगों से अपने बैंक खाते और अन्य जानकारी साझा करने का अनुरोध किया ताकि राहत राशि का वितरण जल्द से जल्द किया जा सके।
इस वर्ष अब तक बाढ़ और भूस्खलन में 21 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 16 जिलों में 5.6 लाख से अधिक लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं।
भाषा जितेंद्र नरेश
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