नयी दिल्ली/बर्न, छह जून (भाषा) स्विट्जरलैंड ने शुक्रवार को भारत और 73 अन्य देशों के साथ क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सूचना के स्वचालित लेनदेन का प्रस्ताव रखा। इस कदम से विदेशों में भारतीयों द्वारा क्रिप्टो मुद्राओं के रूप में जमा किए गए धन की निगरानी करने में मदद मिलेगी।
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच पहले ही एक स्वचालित व्यवस्था है, जिसके तहत भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड में रखे गए बैंक खातों और अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों की सूचना स्वचालित ढंग से मिलती है। दोनों देश इस तरह की सुचना का आदान-प्रदान करते रहते हैं।
भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा किए गए अघोषित धन के कई मामलों का पता लगाने में इस व्यवस्था ने भारतीय अधिकारियों की काफी मदद की है।
हालांकि भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी पर कोई स्पष्ट नियम नहीं हैं, लेकिन उन्हें धनशोधन-रोधी कानूनों के जरिये विनियमित किया जाता है।
स्विट्जरलैंड की सरकार ने एक बयान में कहा कि उसकी संघीय परिषद ने शुक्रवार को क्रिप्टो परिसंपत्तियों से संबंधित सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान के लिए 74 भागीदार देशों की सूची को मंजूरी दी है।
इस सूची में भारत के अलावा यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देश, ब्रिटेन और अधिकांश जी20 देश (अमेरिका और सऊदी अरब को छोड़कर) भी शामिल हैं। संसद में एक प्रासंगिक विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद इसके एक जनवरी, 2026 को लागू हो जाने की उम्मीद है। संबंधित सूचना का पहला आदान-प्रदान 2027 में हो सकता है।
बयान के मुताबिक, सूचनाओं का लेनदेन तभी होगा जब भागीदार देश स्विट्जरलैंड के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान में रुचि रखते हों और वे आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा विकसित क्रिप्टो-परिसंपत्ति सूचना मसौदा की शर्तों को पूरा करते हों।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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