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Tuesday, August 19, 2025

भारतीय राजदूत ने चीनी विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

Newsभारतीय राजदूत ने चीनी विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

(के.जे.एम वर्मा)

बीजिंग, छह जून (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के शीर्ष राजनयिकों ने पिछले वर्ष दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेदोंग के बीच बृहस्पतिवार को हुई बैठक ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच पहली कूटनीतिक वार्ता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरतापूर्वक लागू करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की।

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष सांस्कृतिक संबंधों और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देने, मतभेदों को उचित रूप से दूर करने और स्वस्थ व स्थायी तौर पर चीन-भारत संबंधों के विकास को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी काम कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने साझा चिंता के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।

सुन भारत में चीन राजदूत रह चुके हैं और फिलहाल दक्षिण एशिया मामलों को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हैं।

बृहस्पतिवार की बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए तिब्बत में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने 26 अप्रैल को घोषणा की थी कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त तक दो मार्गों – उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला – के माध्यम से होगी।

कोविड-19 महामारी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण 2020 में यात्रा स्थगित कर दी गई थी।

पिछले वर्ष अक्टूबर में हुए एक समझौते के तहत डेमचोक और डेपसांग में सैनिकों की पूरी तरह वापसी के बाद, रूस के कज़ान में हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विभिन्न द्विपक्षीय संवाद तंत्रों को फिर से सक्रिय करने पर सहमति जताई।

दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के उद्देश्य से पिछले कुछ महीनों में कई बैठकें कीं।

इससे पहले, रावत और सुन ने 9 अप्रैल को मुलाकात की थी और द्विपक्षीय संबंधों तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश

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