दुर्ग, छह जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बनाए गए दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित इस्पात संयंत्र से अटूट नाता है क्योंकि इसके निर्माण के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल)द्वारा आपूर्ति किये गए 16 हजार टन इस्पात में से 12 हजार टन का उत्पादन भिलाई में ही हुआ है। भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी)के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कश्मीर घाटी के लिए पहली रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई तथा चिनाब नदी पर बनाए गए दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल और भारत के पहले ‘केबल आधारित’ अंजी खड्ड पुल सहित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित बीएसपी के अधिकारियों ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इस्पात संयंत्रों ने इस पुल के निर्माण के लिए 16 हजार टन इस्पात की आपूर्ति की है। उन्होंने बताया कि इनमें ‘प्लेट्स, टीएमटी बार और स्ट्रक्चरल्स’ की आपूर्ति शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि किसी भी निर्माण प्रक्रिया और औद्योगिक गतिविधि के लिए इस्पात सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। मिली जानकारी के अनुसार इस पुल के निर्माण में लगभग 29 हजार मीट्रिक टन इस्पात, 10 लाख घन मीटर मिट्टी, 66 हजार घन मीटर से अधिक कंक्रीट तथा 84 किलोमीटर ‘रॉक बोल्ट’(भूमि को स्थिर करने के लिए इस्पात के बोल्ट) और केबल एंकर का प्रयोग किया गया है।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना 1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है जो पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है।
अधिकारियों ने बताया कि अभियांत्रिकी की अभिनव कृति यह पुल 266 किमी प्रति घंटे हवा की तेज रफ्तार और भूकंप के तेज झटकों को सहने में सक्षम है।उन्होंने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) के अंतर्गत यह पुल कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे घुमावदार खंड का हिस्सा है। यह पुल इस क्षेत्र में आवागमन को सुलभ करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि सेल के इस्पात संयंत्रों ने जम्मू-कश्मीर में निर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में उपयोग के लिए 6690 टन टीएमटी उत्पाद, 1793 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 7511 टन स्टील प्लेट्स, हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट और चेकर्ड प्लेटों सहित कुल 16 हजार टन इस्पात की आपूर्ति की है।
उन्होंने बताया कि पुल के निर्माण के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र से 5922 टन टीएमटी स्टील, 6454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है।
अधिकारियों ने बताया कि सेल के पश्चिम बंगाल के बर्नपुर स्थित इस्को इस्पात संयंत्र , दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, ओडिशा के राउरकेला इस्पतात संयंत्र और झारखंड के बोकारो स्टील लिमिटेड ने भी पुल के लिए इस्पात की आपूर्ति की।
उन्होंने बताया कि सेल ने पहले भी राष्ट्रीय महत्व की कई ऐसी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे बांध, पुल, सुरंग, फ्लाईओवरों और एक्सप्रेसवे सहित ऊर्जा क्षेत्र तथा रक्षा क्षेत्र में प्रयोग के लिए इस्पात की आपूर्ति की है।
अधिकारियों ने बताया कि भिलाई द्वारा उत्पादित इस्पात का उपयोग बांद्रा-वर्ली सी-लिंक के साथ ही मुंबई में अटल सेतु, अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग तथा हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग के निर्माण में किया गया है।
उन्होंने बताया कि सेल-भिलाई द्वारा उत्पादित इस्पात का उपयोग युद्धपोतों और आईएनएस विक्रांत के निर्माण में भी किया गया है। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए सेल-बीएसपी द्वारा बड़ी मात्रा में ‘टीएमटी बार्स’ की आपूर्ति की गई है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने नई दिल्ली में निर्मित सेंट्रल विस्टा परियोजना में उपयोग के लिए भी टीएमटी उत्पादों की आपूर्ति की है।
भाषा सं संजीव जितेंद्र धीरज
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