वाशिंगटन, छह जून (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह जगजाहिर है, फिर भी देश की राजधानी वाशिंगटन में समुदाय ने ‘वर्ल्ड प्राइड परेड’ का आयोजन किया है।
राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से दुनिया भर में रह रहे एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लोगों के लिए इस परेड में शामिल होना मुश्किल हो गया है। अमेरिका में रह रहे ऐसे लोग और संबंधित संगठन ट्रंप को अपनी मजबूत उपस्थिति दिखाने की तैयारी तो कर रहे हैं, साथ ही दुनिया भर के अन्य हिस्सों से आने की तैयारी कर रहे लोगों को सतर्क रहने की भी सलाह दे रहे हैं।
वाशिंगटन में आठ जून को प्रस्तावित ‘वर्ल्ड प्राइड’ के मानवाधिकार सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देने के लिए आमंत्रित ‘यूके ब्लैक प्राइड’ की सह-संस्थापक फिल ओपोकू-ग्यामा ने कहा कि इस वर्ष के प्रारंभ में क्यूबा की यात्रा के कारण उनका वीजा रद्द कर दिया गया था, जिसके कारण उन्हें अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया गया।
ग्यामा ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद वह अमेरिका का वीजा हासिल करने में असफल रही हैं।
ग्यामा की तरह ही कई एलजीबीटीक्यू+ कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा, सीमा संबंधी नीतियों और प्रतिकूल राजनीतिक माहौल के बारे में चिंता व्यक्त की है या ‘वर्ल्ड प्राइड’ परेड में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
इस सम्मेलन के समक्ष आ रही चुनौतियों के बावजूद समुदाय के लोगों का कहना है कि वे अपनी उपस्थिति से अमेरिकी अधिकारियों के प्रति विरोध का स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं।
ब्रिटिश मॉडल और ‘एसेक्सुअल एक्टिविस्ट’ यास्मीन बेनोइट ने कहा, ‘‘ट्रंप के दरवाजे पर ‘प्राइड परेड’ हो रहा है और यही कारण है कि हम यहां हैं। हम अमेरिका को दिखाना चाहते हैं कि यहां जो कुछ हो रहा है, उस पर बहुत सारी निगाहें हैं।’’
इस साल वाशिंगटन के ‘प्राइड फेस्टिवल’ की 50वीं वर्षगांठ है और पहली बार शहर ‘वर्ल्ड प्राइड’ की मेजबानी कर रहा है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रांसजेंडर और विविधता, समानता और समावेशन पहलों को लक्षित करने वाली नीतियों के कारण वैश्विक उत्सव का आयोजन करना जटिल कार्य हो गया है।
रिपब्लिकन ट्रंप ने कहा है कि कोई व्यक्ति पुरुष है या महिला, यह उसके जन्म के समय के जैविक लक्षणों से निर्धारित होता है। एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक करीब दो-तिहाई अमेरिकी वयस्क उनकी राय से सहमत हैं।
डेनमार्क, फिनलैंड और जर्मनी सहित कई देशों ने वर्ल्ड प्राइड परेड में शामिल होने के लिए अमेरिका आने वाले समुदाय के सदस्यों को चेतावनी जारी की है।
एपी धीरज सुरेश
सुरेश