नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, पूर्व संयुक्त सचिव (कोयला) के एस क्रोफा और तत्कालीन निदेशक के सी समारिया को शुक्रवार को बरी कर दिया।
सीबीआई अदालत ने हालांकि जेएएस इन्फ्रास्ट्रक्चर कैपिटल लिमिटेड और उसके तत्कालीन निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने झारखंड के महुगढ़ी कोयला ब्लॉक के संबंध में अपना फैसला सुनाया। इस मामले में सजा पर बहस अब आठ जुलाई को होगी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘सीबीआई द्वारा जांचे गए कोयला ब्लॉक आवंटन मामलों में यह 19वीं दोषसिद्धि है। शुरुआत में, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 20 नवंबर, 2014 को मामले में अंतिम रिपोर्ट (क्लोजर) दाखिल की थी।’’
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले का पहले संज्ञान लिया था और जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड, मनोज कुमार जायसवाल, एच सी गुप्ता, के एस क्रोफा और के सी समारिया के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सीबीआई ने कहा, ‘‘इस मामले में आरोप यह था कि आरोपी व्यक्तियों यानि जेएएस इन्फ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के प्रवर्तक ने कंपनी की वित्तीय निवल संपत्ति के बारे में झूठे और भ्रामक दावे किए थे। ’’
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने कोयला ब्लॉक का गलत आवंटन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण के मूल्यांकन और समूहन को भी गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
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