28.6 C
Jaipur
Thursday, August 14, 2025

आने वाले वर्षों में भारतीय, स्थानीय भाषाएं शिक्षा का माध्यम होंगी: प्रधान

Newsआने वाले वर्षों में भारतीय, स्थानीय भाषाएं शिक्षा का माध्यम होंगी: प्रधान

नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले वर्षों में शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का माध्यम मुख्य रूप से भारतीय और स्थानीय भाषाएं होंगी।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के विषय पर संसद की परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह टिप्पणी की।

प्रधान ने कहा, ‘‘आने वाले वर्षों में शिक्षा का माध्यम मुख्य रूप से भारतीय और स्थानीय भाषाएं होंगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे उच्च शिक्षा संस्थान स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जिसमें इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। प्राथमिकता भारतीय भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध कराना है।’’

मंत्री ने विषय-वस्तु के अनुवाद में तकनीक के इस्तेमाल तथा भाषा अनुवाद के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का लाभ उठाने पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए, प्रौद्योगिकी उनकी पसंदीदा भाषा में सामग्री को समझने में मदद कर सकती है।’’

बैठक में शामिल होने वाले सांसदों ने भाषा संगम पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार की गई सामग्री की सराहना की, जिससे छात्रों को 22 भाषाओं में 100 वाक्य सीखने में मदद मिलेगी।

स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने समिति को देश में पहचानी गई 1,369 मातृभाषाओं के विवरण से अवगत कराया, जिन्हें 121 भाषाओं में वर्गीकृत किया गया है।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles