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Tuesday, August 12, 2025

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 30.47 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोपी गिरफ्तार: दिल्ली पुलिस

Newsफर्जी दस्तावेजों के आधार पर 30.47 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोपी गिरफ्तार: दिल्ली पुलिस

नयी दिल्ली, सात जून (भाषा)दिल्ली पुलिस ने फर्जी धन प्रेषण दस्तावेज प्रस्तुत करके विदेश व्यापार नीति के तहत 30.47 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार लाभ प्राप्त करने के लिए जालसाजी करने के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि आरोपी की पहचान अंगद पाल सिंह उर्फ ​​अंगद सिंह चंडोक के रूप में हुई है और उसे अमेरिका से प्रत्यर्पित कराने के बाद दो जून को गिरफ्तार किया गया।

दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) विक्रम के. पोरवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘सिंह को इससे पहले एक अन्य धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘यह मामला एक निजी बैंक की शिकायत के आधार पर जनवरी 2017 में दर्ज किया गया था।’’

अधिकारी ने बताया कि बैंक का आरोप है कि 17 विभिन्न कंपनियों के 18 खाताधारकों ने सितंबर 2013 से अक्टूबर 2015 के बीच निर्यात दस्तावेजों के प्रसंस्करण के लिए बैंक की नारायणा शाखा में 467 फर्जी विदेशी आवक प्रेषण प्रमाण पत्र (एफआईआरसी) जमा कराए थे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित इसकी एक शाखा द्वारा कथित रूप से जारी एफआईआरसी का उपयोग आरोपियों द्वारा बैंक प्राप्ति प्रमाण पत्र (बीआरसी) प्राप्त करने के लिए किया गया, जिसे बाद में धोखाधड़ी से ‘ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स’ प्राप्त करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को प्रस्तुत किया गया।

पोरवाल ने बताया, ‘‘ये ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स विदेश व्यापार नीति के तहत गैर-नकद प्रोत्साहन के रूप में जारी किए गए थे, जो निर्यात आय की वास्तविक प्राप्ति पर जारी किए जाते हैं। हालांकि, इस मामले में, धन प्रेषण कभी नहीं हुआ।’’

उन्होंने बताया कि सिंह अपने पिता सुरिंदर सिंह और भाई हरसाहिब सिंह के साथ मिलकर पांच निर्यात कंपनियों कुमार ट्रेडिंग कंपनी, नेशनल ट्रेडर, ट्राइडेंट ओवरसीज इंडिया, एचएससी एक्जिम इंडिया और एएचसी ऑटो स्पेयर्स का प्रबंधन करता था।

पोरवाल के मुताबिक आरोपियों ने साठगांठ कर कथित तौर पर एफआईआरसी में जालसाजी की और स्क्रिप्स हासिल कर लीं, जिन्हें बाद में खुले बाजार में बेच दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को 30.47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

अधिकारी ने बताया कि कथित धोखाधड़ी के सामने आने के बाद आरोपी विदेश भाग गया था जहां से निर्वासित होने पर वह लौटा और उसे हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि सिंह ईओडब्ल्यू के एक अन्य मामले में भी नामजद है।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में तीन सह-आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। उसने बताया कि बड़ी साजिश का पता लगाने और बैंक अधिकारियों के साथ किसी भी तरह की मिलीभगत का खुलासा करने के लिए आगे की जांच जारी है।

भाषा धीरज माधव

माधव

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