नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार पहलगाम आतंकी हमले के बाद वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में विफल रही है, और इसे भारतीय सैनिकों एवं नागरिकों के साथ ‘‘आपराधिक विश्वासघात’’ करार दिया।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय, चीन ने उसे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों से लैस कर दिया तथा विश्व बैंक और एडीबी (एशियाई विकास बैंक) ने पड़ोसी देश को और अधिक सहायता दी।
उन्होंने दावा किया कि भारत में हुए आतंकवादी हमले के कुछ ही दिन बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष नामित कर दिया।
खेड़ा ने कहा, ‘‘पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले के बाद, हमें उम्मीद थी कि पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और वैश्विक स्तर पर उसे अलग-थलग किया जाएगा, लेकिन वास्तव में क्या हुआ?’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘चीन, पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के 40 जे-35ए लड़ाकू विमान दे रहा है, जो अत्याधुनिक पीएल-17 मिसाइलों से लैस हैं। अजरबैजान 40 पाकिस्तानी जेएफ-17 लड़ाकू विमानों की खरीद में 2 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रहा है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विश्व बैंक ने पाकिस्तान के विकास के लिए 40 अरब अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है। आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने पाकिस्तान को 1 अरब अमेरिकी डॉलर की राहत सहायता राशि मंजूर की है। रूस ने कराची में एक इस्पात संयंत्र के पुनर्निर्माण के लिए 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया है।’’
खेड़ा ने यह भी दावा किया कि कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने वीजा नियमों में ढील दी है और 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश सौदों की पेशकश की है तथा चीनी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन में पाकिस्तान के शामिल हो जाने से एशियाई कूटनीति में इस्लामाबाद का प्रभाव बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत में आतंकवादी हमला होने के कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष नामित किया!’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘यह सिर्फ कूटनीतिक विफलता नहीं है। यह हमारे सैनिकों और नागरिकों के साथ आपराधिक विश्वासघात है।’’
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने एक पोस्ट में कहा कि आईएमएफ ने 9 मई को पाकिस्तान को 1 अरब अमेरिकी डॉलर दिए, विश्व बैंक ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तुरंत बाद पाकिस्तान को 40 अरब अमेरिकी डॉलर देने का फैसला किया और एडीबी ने 3 जून को पाकिस्तान को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर दिए, जबकि एडीबी के अध्यक्ष ने एक जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या हम अपनी विदेश नीति में विफल हो गए हैं? पहलगाम नरसंहार में शामिल चार आतंकवादी अब भी जीवित क्यों हैं और घूम रहे हैं?’’
चौधरी ने कहा, ‘‘आप नक्सलियों का सफाया करने में सक्षम हैं, लेकिन एक महीने बाद भी इन 4 आतंकवादियों का खात्मा नहीं कर पाए? खुफिया विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘151 दौरे, 72 देश, कई बार गले मिलना और उपहार। फिर भी कोई परिणाम नहीं है। भारत को जवाब चाहिए।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘संघर्ष विराम कराने’’ के 11 से अधिक बार किए गए दावों पर सवाल पूछने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी उनके दावे से इनकार क्यों नहीं कर रहे हैं?’’
भाषा सुभाष प्रशांत
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