28 C
Jaipur
Monday, August 11, 2025

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर विमान उन्नयन कारोबार पर 5,000 करोड़ रुपये का दांव लगाएगी

Newsरिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर विमान उन्नयन कारोबार पर 5,000 करोड़ रुपये का दांव लगाएगी

नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर अपने रक्षा कारोबार को विमान उन्नयन कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करके गति देने की योजना बना रही है, जिसके तहत अगले सात से 10 वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये के अवसर प्राप्त होंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इस रणनीतिक कदम से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बन गई है, जो मूल विनिर्माता बने बिना ही स्वतंत्र रूप से व्यापक विमान उन्नयन कार्यक्रम को क्रियान्वित कर रही है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर पारंपरिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और ओईएम (मूल उपकरण विनिर्माताओं) का प्रभुत्व है।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के एक सूत्र के अनुसार, कंपनी ने अमेरिका स्थित एवियोनिक्स फर्म जेनेसिस के सहयोग से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक अनुबंध के तहत 55 डोर्नियर-228 विमानों का सफलतापूर्वक उन्नयन करके पहले ही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है।

शुरू में 37 विमानों के लिए अनुबंध दिया गया था, रिलायंस ने पहले के अनुबंध के सफल निष्पादन के बाद अतिरिक्त 18 इकाइयों के लिए दोबारा ऑर्डर हासिल किया।

सूत्रों ने बताया कि डोर्नियर अपग्रेड अनुबंध का कुल मूल्य 350 करोड़ रुपये था।

उन्नत डोर्नियर बेड़ा भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ परिचालन में है।

सैन्य विमानों और हेलीकॉप्टरों की सेवा अवधि 30-40 वर्ष होती है, इसलिए नियमित उन्नयन, विशेष रूप से एवियोनिक्स, मिशन सिस्टम और सुरक्षा उपकरणों का महत्वपूर्ण है।

उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि उन्नयन और रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) में उसके पूरे जीवन चक्र निवेश एक मंच की मूल अधिग्रहण लागत का 200-300 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

वैश्विक स्तर पर, सैन्य विमानों और हेलीकॉप्टर उन्नयन का बाजार सालाना 5,00,000 करोड़ रुपये से अधिक है, और अगले सात वर्षों में इसके 7,00,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है।

भारत, पुराने मंचों के विशाल भंडार के साथ, पर्याप्त घरेलू अवसर प्रदान करता है, विशेष रूप से तब जब सशस्त्र बल अगली पीढ़ी के युद्ध के लिए पुराने बेड़ों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर अब अपनी विमान और हेलीकॉप्टर उन्नयन क्षमताओं को बढ़ाने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए वह वैश्विक भागीदारों के साथ मिलकर विश्व स्तरीय समाधान देने पर काम कर रहा है।

डोर्नियर अपग्रेड की सफलता के अलावा, कंपनी फ्रांस की थेल्स के साथ साझेदारी में भारत में राफेल लड़ाकू विमानों के लिए प्रदर्शन-आधारित लॉजिस्टिक्स (पीबीएल) कार्यक्रम में भी एक प्रमुख कंपनी है।

भाषा अनुराग

अनुराग

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles