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Tuesday, July 1, 2025

न्यू साउथ वेल्स के तट पर बन रहे भीषण तूफान को गर्म होते समुद्रों से मिल रही गति

Newsन्यू साउथ वेल्स के तट पर बन रहे भीषण तूफान को गर्म होते समुद्रों से मिल रही गति

( स्टीव टर्टन, सी क्यू यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में पर्यावरणीय भूगोल के प्राध्यापक )

नॉर्मन गार्डन (ऑस्ट्रेलिया), एक जुलाई (द कन्वरसेशन) न्यू साउथ वेल्स के तट के पास एक भीषण तूफान विकसित हो रहा है, जो तीन वर्षों में पूर्वी तट पर आने वाला पहला बड़ा तूफान ‘‘ईस्ट कोस्ट लो’’ हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, यह प्रणाली मंगलवार को तट के करीब पहुंचने से पहले आज और तेज़ हो सकती है जिससे भारी बारिश, तेज़ हवाएं और ऊंची लहरें उठने की संभावना है।

तूफान वर्तमान में कॉफ़्स हार्बर के दक्षिण में समुद्र में सक्रिय है — वही इलाका जहां पिछले महीने भयावह बाढ़ आई थी। तूफान के मद्देनजर निचले इलाकों और तटीय क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और तैयारी करने की सलाह दी गई है।

*** क्या होता है ईस्ट कोस्ट लो?

ईस्ट कोस्ट लो आमतौर पर सर्दियों में आने वाली तीव्र तूफानी प्रणालियां होती हैं, जो दक्षिणी क्वींसलैंड से तस्मानिया तक किसी भी तटवर्ती क्षेत्र को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, इस बार स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि समुद्र का तापमान अधिक है। जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात समुद्र की गर्मी से ताकत हासिल करते हैं, वैसे ही ‘ईस्ट कोस्ट लो’ भी गर्म पानी के कारण तेज़ी से शक्तिशाली बन सकते हैं।

यह तूफान इतनी तेज़ी से तीव्र हुआ है कि विशेषज्ञ इसे ‘वेदर बम’ कह रहे हैं। अगर यह प्रणाली अनुमान के अनुसार विकसित होती है, तो इससे घरों, पेड़ों और समुद्र तटों को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर उन इलाकों में जो तूफान के दक्षिणी हिस्से की चपेट में होंगे।

*** तूफान कितना भयावह होगा?

फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि तूफान कितना भयंकर होगा। इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि यह कितना तीव्र होता है और कितनी नज़दीक से तट को छूता है। पूर्ववर्ती ‘ईस्ट कोस्ट लो’ तूफानों से व्यापारिक प्रतिष्ठानों में जलभराव, यातायात और विद्युत आपूर्ति में व्यवधान जैसे गंभीर प्रभाव देखे गए हैं।

मौसम विभाग ने मंगलवार से तेज़ हवाओं और मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। सप्ताह भर खतरनाक समुद्री परिस्थितियों की चेतावनी दी गई है। न्यू साउथ वेल्स के तट पर समुद्री सतह का तापमान सामान्य से 1 से 2.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जो इस तूफान के लिए ईंधन का काम करेगा। यानी यह तूफान को और अधिक प्रचंड बनाएगा।

*** जलवायु परिवर्तन की भूमिका

वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रीनहाउस गैसों से उत्पन्न अतिरिक्त ऊष्मा का लगभग 90 प्रतिशत समुद्र में समा जाता है। इस कारण विश्व के महासागर रिकॉर्ड स्तर तक गर्म हो चुके हैं। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में शैवाल की बड़ी घटना हो या वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में नींगलू रीफ को प्रभावित करने वाली समुद्री हीटवेव — यह सब गर्म समुद्र का ही प्रभाव है।

भविष्य में ‘ईस्ट कोस्ट लो’ की संख्या कम हो सकती है, लेकिन जो तूफान बनेंगे, वे और भी घातक हो सकते हैं। जैसे-जैसे जलवायु गर्म हो रही है, इन तूफानों से होने वाली अल्पकालिक भारी वर्षा की तीव्रता और भी बढ़ने की संभावना है, जिससे नदी और अचानक बाढ़, तटीय क्षरण, और समुद्र तटों को नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।

*** एक और प्रतिकूल मौसम की चेतावनी

पिछले छह महीने ऑस्ट्रेलिया में प्रतिकूल मौसम से भरे रहे हैं। फरवरी में उत्तर क्वींसलैंड में बाढ़, उसके बाद साइक्लोन अल्फ्रेड, और फिर पश्चिमी क्वींसलैंड में भारी वर्षा और मवेशियों का नुकसान — इन सबके बीच दक्षिणी क्षेत्रों के किसान सूखे से जूझ रहे हैं।

मिड-नॉर्थ कोस्ट के निवासियों के लिए इस संभावित आपदा से निपटने के लिए मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना जरूरी है। उन्हें एनएसडब्ल्यू आपातकालीन वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त करना और राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता द्वारा जारी सूचनाओं का पालन करना होगा।

( द कन्वरसेशन ) मनीषा पवनेश

पवनेश

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