नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून में बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 58.4 पर पहुंच गई। इससे उत्पादन और नए ऑर्डर में तेजी के साथ रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि का संकेत मिलता है। एक मासिक सर्वेक्षण में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक मई में 57.6 था।
क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को बताता है।
एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ”भारत का विनिर्माण पीएमआई जून में 14 महीने के उच्चतम स्तर 58.4 पर पहुंच गया। मजबूत मांग ने उत्पादन, नए ऑर्डरों और रोजगार सृजन में विस्तार को बढ़ावा दिया।”
जून में नए ऑर्डर में भी तेजी देखी गई। विस्तार की दर करीब एक साल में सबसे मजबूत थी। समिति के सदस्यों के अनुसार वृद्धि को विपणन प्रयासों और निर्यात में पर्याप्त वृद्धि से समर्थन मिला। जून में नए निर्यात ऑर्डर में पर्याप्त वृद्धि हुई।
भंडारी ने कहा कि मजबूत मांग को बनाए रखने के लिए भारतीय विनिर्माण कंपनियों के पास तैयार माल का भंडार लगातार कम हो रहा है।
कंपनियों ने कहा कि सर्वेक्षण के 20 से अधिक वर्षों के इतिहास में इस बार विदेशी ऑर्डर में सबसे तेज वृद्धि रही।
सर्वेक्षण में कहा गया कि मजबूत बिक्री ने विनिर्माताओं के बीच भर्ती को बढ़ावा दिया, जिससे रोजगार रिकॉर्ड गति से बढ़ा। हालांकि, इस बात के संकेत हैं कि ज्यादातर भर्ती अल्पकालिक हैं।
कीमत के मोर्चे पर, लागत मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई और अपेक्षाकृत नगण्य रही। जून में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के लिए सकारात्मक नजरिया रहा।
भाषा पांडेय रमण