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Tuesday, July 1, 2025

स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार होगा : राष्ट्रपति मुर्मू

Newsस्वास्थ्य ठीक रहेगा तो 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार होगा : राष्ट्रपति मुर्मू

गोरखपुर (उप्र), एक जुलाई (भाषा) राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य ही संपदा है और स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो ही 2047 तक विकसित भारत तथा विश्व गुरु बनने का सपना साकार होगा।

राष्ट्रपति ने गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस विश्वविद्यालय को 268 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।

मुर्मू ने 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘आज अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर योग को पहचान मिली है। कठिन परिश्रम करने वालों के लिए योग उतना आवश्यक नहीं है, लेकिन जो दफ्तर में काम करते हैं उनके लिए जरूरी है।’’

उन्होंने योग और भारत की गौरवमयी परंपरा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम भारत के पूर्वजों, मुनियों-ऋषियों की उत्तर पीढ़ी कहलाते हैं तो उनका मान रखना होगा।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है तो उसे आगे बढ़ाने के लिए सभी भारतवासियों को अपने स्वास्थ्य का ध्‍यान रखना है। स्वास्थ्य ही संपदा है और स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो 2047 तक विकसित भारत बनने का सपना साकार होगा और इसके लिए आज से ही प्रयास करना होगा।’’

मुर्मू ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इस विश्‍वविद्यालय में आयुष पद्धतियों से जुड़े रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शिक्षा भी दी जाएगी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विश्‍व स्‍तरीय शोध पर विशेष बल दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के इस प्रथम आयुष विश्‍वविद्यालय की परिकल्पना के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को धन्यवाद देते हुए मुर्मू ने कहा, ‘‘मैं यहां एक बात कहना चाहूंगी कि जनसेवा में कदम बढ़ाने के लिए आपको अथक प्रयास करना है, जनसेवा में थकना मना है।’’

उन्‍होंने विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों से आह्वान किया, ‘‘आप थक नहीं सकते, दिन रात आपको परिश्रम करना पड़ेगा। आपको निद्राजीत बनना पड़ेगा।’’

निद्राजीत मतलब नींद पर विजय पाने के संदर्भ को स्पष्ट करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘‘डॉक्‍टर कहते हैं कि आपको छह से आठ घंटे सोना पड़ेगा अन्यथा शरीर साथ नहीं देगा। लेकिन निद्रा को जीतने और स्वस्थ बनने के लिए आपको योग करना होगा, योग करने से आठ घंटे की नींद तीन घंटे में पूरी होगी।’’

उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के अथक प्रयासों और जनता के प्रति उनके समर्पण की सराहना करते हुए कहा, ‘‘योगी जी, उनके मंत्री जनता को हर सुख-सुविधा प्रदान कराते हैं, लेकिन जिस संस्था को बना रहे हैं उसके अधिकारी, डॉक्टर या नर्स को भी अथक परिश्रम करना होगा, निद्राजीत बनना होगा और जनता की सेवा करनी होगी।’’

महायोगी गुरु गोरखनाथ की धरती को सादर नमन करते हुए मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे महायोगी गुरु गोरखनाथ के बारे में कहा गया है कि आदि शंकराचार्य के बाद इतना प्रभावशाली और महिमा पूर्ण प्रभावशाली पुरुष दोबारा नहीं हुआ।’’

उन्होंने कहा कि गोरखपुर योग भूमि है, गुरु गोरखनाथ ने इस क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से संपन्न किया ही है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आदिनाथ, मत्स्येन्द्र नाथ और गोरखनाथ की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए योगी जी मानवता के कल्याण के लिए सक्रिय हैं। 18वीं सदी के संन्यासी विद्रोह से लेकर 1857 के स्वाधीनता संग्राम में गोरखपुर के नाथ पंथ के योगी इसके सूत्रधार रहे। इस धरती से बिस्मिल और बंधु सिंह के बलिदान की गाथाएं जुड़ी और गोरखपुर से जुड़ी इन महान विभूतियों को सादर प्रणाम, नमन करती हूं।’’

राष्‍ट्रपति ने गोरखपुर के गीता प्रेस की सराहना करते हुए कहा कि इसने लगभग 100 वर्षों से भारत की धर्म व संस्कृति से लोगों को जोड़ने का महान कार्य किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘गीता प्रेस की पुस्तकें संस्कृत और हिंदी के अलावा कई भाषाओं में उपलब्ध हैं। उड़िया भागवत के नाम से गीता प्रेस की जगन्नाथ दास द्वारा रचित पुस्‍तक ओडिशा के लोग बड़े भक्ति-भाव से पढ़ते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल शाम गोरखनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने का मौका मिला तो वहां गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित प्रतियां भेंट की गयीं। ये पुस्तकें गोरखपुर के अमूल्य सौगात व स्मृति के रूप में सदैव संरक्षित होकर रहेंगी।’’

राष्‍ट्रपति ने आयुष विश्वविद्यालय के प्रति अपनी भावना जाहिर करते हुए कहा, ‘‘गोरखनाथ जैसे विलक्षण नाम से जुड़े इस विवि में आकर उनके प्रति मुझमें और अधिक श्रद्धा का संचार हो रहा है। यह विश्वविद्यालय हमारी प्राचीन परंपराओं का आधुनिक केन्‍द्र है। इसका लोकार्पण करके मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवा में एक मील का पत्थर साबित होगा।’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिपरी भटहट में बने इस विश्वविद्यालय का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की उपस्थिति में किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि गोरखपुर में कुछ वर्षों से आधारभूत सुविधाओं का बहुत तेज गति से विकास हो रहा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की गतिविधियों का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। यहां के टेराकोटा के कलात्मक उत्पाद देश-विदेश में निरंतर लोकप्रिय हो रहे हैं। यहां के निवासियों में ऐसी अनेक उपलब्धियों से नयी ऊर्जा व आकांक्षा का संचार हो रहा है।

मुर्मू ने कहा कि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा आदि भारत की पुरातन प्रणालियों में स्वस्थ रहने की वैज्ञानिक पद्धति बताई गई है। 100 वर्ष से अधिक आयु तक सभी इंद्रियों को समर्थ बनाए रखने के लिए प्राचीन विधियां यह प्रमाणित करती हैं कि इन पर आधारित पारंपरिक जीवनशैली बहुत अच्छी थी। हमें उसका अनुसरण करना पड़ेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की सर्वसमावेशी व उपयोगी दृष्टि के आधार पर विदेश में उत्पन्न हुई चिकित्सा पद्धतियों को भी आयुष पद्धतियों में शामिल किया है। आज यूनान तथा मध्य एशिया के देशों में यूनानी चिकित्सा पद्धति का उतना उपयोग नहीं होता, जितना उपयोग भारत में होता है।

उन्होंने कहा कि जर्मनी में विकसित हुई होम्योपैथिक चिकित्सा को हमारे देश ने पूरी तरह अपना लिया है। 2014 में केंद्र व 2017 से उप्र सरकार ने आयुष विभागों की स्थापना करके देश-विदेश की इन सभी उपयोगी पद्धतियों को नयी ऊर्जा के साथ प्रोत्साहित किया है।

भाषा

आनन्द, रवि कांत रवि कांत

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