बेंगलुरु, एक जुलाई (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई है और उन्होंने राज्य में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और पार्टी की सरकार के हाथ मजबूत करने पर जोर दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने पार्टी नेताओं और विधायकों से नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर मीडिया से बात नहीं करने को कहा।
उन्होंने कहा कि रामनगर के विधायक एच.ए. इकबाल हुसैन को नोटिस जारी किया जाएगा, जो यह बयान दे रहे हैं कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
हुसैन और एच.सी. बालकृष्ण (मगदी) सहित कुछ पार्टी विधायकों के इस दावे के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर से शुरू हो गई हैं कि इस साल के अंत में शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे।
शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया, “बयानबाजी हो रही है। हम पार्टी में अनुशासन चाहते हैं। अनुशासन जरूरी है। नेतृत्व परिवर्तन का कोई मुद्दा नहीं है। इस पर कोई चर्चा या कुछ नहीं हो रहा है। कोई जल्दबाजी में नहीं है, 2028 हमारे लिए महत्वपूर्ण है।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैं इकबाल हुसैन को नोटिस जारी करूंगा। आज या कल, मैं उन्हें नोटिस जारी करूंगा। मैं यह भी नहीं चाहता कि बालकृष्ण मेरे पक्ष में बोलें…।”
हुसैन ने दावा किया है कि शिवकुमार के पास दो से तीन महीने में मुख्यमंत्री बनने का मौका है।
शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के किसी भी नेता या विधायक को ऐसे मामलों पर मीडिया से बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “किसी को भी प्रेस के सामने नहीं जाना चाहिए। मैं यह कह रहा हूं, प्रेस के सामने नहीं जाना चाहिए। मैं यह कह रहा हूं, चाहे वह इकबाल हुसैन हों या बी आर पाटिल या बालकृष्ण या कोई और, इसकी कोई जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “सिद्धरमैया मुख्यमंत्री हैं, उनके और सरकार के हाथ मजबूत करना ही एकमात्र लक्ष्य है।”
राजनीतिक हलकों में, विशेषकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में, इस वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला दिया गया है। लेकिन पार्टी हाईकमान के कड़े निर्देशों के बाद ऐसी चर्चाएं कुछ समय के लिए थम गयी थीं।
मई 2023 में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और कांग्रेस शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही तथा उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया।
उस समय कुछ खबरें थीं कि “क्रमिक मुख्यमंत्री फॉर्मूले” के आधार पर समझौता हो गया है, जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
भाषा प्रशांत सुरेश
सुरेश