नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर गहन बातचीत मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। इसके साथ वार्ता एक महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है और भारत अपने श्रम-प्रधान उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी
वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में भारतीय दल अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर वार्ता के लिए वाशिंगटन में है।
भारतीय अधिकारियों की अमेरिका यात्रा अवधि बढ़ा दी गयी है। दोनों देशों के बीच वार्ता 26 जून को शुरू हुई थी और शुरू में, प्रतिनिधिमंडल को वहां दो दिन के लिए रहने का कार्यक्रम था।
ये वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जवाबी शुल्क लगाये जाने को जितने समय के लिए टाला था, वह तिथि नौ जुलाई को समाप्त हो रही है।
अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष उससे पहले वार्ता को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं। भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों को शुल्क रियायत देने को लेकर अपना रुख कड़ा किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि प्रस्तावित व्यापार वार्ता विफल हो जाती है, तो 26 प्रतिशत शुल्क फिर से लागू हो जाएंगे।’’
अमेरिका ने दो अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाया, लेकिन इसे 90 दिन के लिए टाल दिया गया। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क लागू है। भारत अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क से पूरी तरह से छूट चाहता है।
अमेरिका कृषि और डेयरी दोनों क्षेत्रों में शुल्क छूट की मांग कर रहा है।
लेकिन, भारत के लिए इन क्षेत्रों में अमेरिका को शुल्क छूट देना कठिन और चुनौतीपूर्ण है। इसका कारण यह है कि भारतीय किसान आजीविका के लिए खेती में लगे हैं और उनके जोत का आकार काफी छोटा है। इसलिए, ये क्षेत्र राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत ने अबतक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है।
अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, शराब, पेट्रोरसायन उत्पादों, डेयरी तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब, बादाम तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।
वहीं भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क छूट की मांग कर रहा है।
दोनों देश इस साल सितंबर-अक्टूबर तक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए बातचीत पूरी करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना से अधिक करके 2030 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है।
वे प्रथम चरण से पहले, अंतरिम व्यापार समझौते के लिए प्रयास कर रहे हैं।
वार्ता के लिए अमेरिकी दल पांच से 11 जून तक भारत आया था। आने वाले दिनों में वार्ता ऑनलाइन और भौतिक रूप दोनों तरह से जारी रहेगी।
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-मई अवधि में अमेरिका को भारत का वस्तु निर्यात 21.78 प्रतिशत बढ़कर 17.25 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 25.8 प्रतिशत बढ़कर 8.87 अरब डॉलर रहा।
भाषा रमण अजय
अजय