मुंबई, एक जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने मंगलवार को राज्य विधान परिषद में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के लिए अलग-अलग आयोग स्थापित करने के उद्देश्य से दो विधेयक पेश किए।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पिछले महीने केंद्र के अधीन समान निकाय की तर्ज पर दोनों समुदायों के लिए अलग-अलग आयोग की स्थापना को मंजूरी दी थी।
पिछले महीने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि केंद्र के पास एससी और एसटी समुदायों के लिए दो अलग-अलग आयोग हैं, जो अलग-अलग मुद्दों से निपटते हैं और इसलिए राज्य में भी दो अलग-अलग आयोग होना जरूरी है, जो दोनों स्वतंत्र रूप से काम करेंगे।
महाराष्ट्र में 51वीं जनजातीय सलाहकार समिति ने राज्य में आदिवासियों के लिए एक अलग और स्वतंत्र आयोग स्थापित करने की सिफारिश की थी।
महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना के लिए मसौदा विधेयक में कहा गया है कि इसका अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति समुदाय से होगा।
इसमें कहा गया है कि एक सदस्य कानूनी पृष्ठभूमि से होगा जो सेवानिवृत्त सत्र न्यायालय न्यायाधीश या अधिवक्ता हो सकता है।
भाषा यासिर नरेश
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