नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय फरवरी 2020 में हुए दंगों से संबंधित मामले में कार्यकर्ता शरजील इमाम की जमानत याचिका पर नौ जुलाई को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर को मंगलवार को सुनवाई करनी थी, लेकिन अभियोजन के समय मांगने पर सुनवाई स्थगित कर दी गई।
आरोपी के वकील ने पहले अदालत को बताया था कि इमाम के भाषणों और व्हाट्सएप चैट में कभी भी अशांति फैलाने का आह्वान नहीं किया गया।
जमानत याचिका में दावा किया गया है कि आरोपी 15 जनवरी, 2020 के बाद से राजधानी में भी नहीं था और उसे पुलिस ने 28 जनवरी, 2020 को एक अलग मामले में बिहार में उसके गृहनगर से गिरफ्तार किया था।
याचिका में दावा किया गया है कि इमाम ने अन्य लोगों के साथ षड्यंत्र रचने के लिये हुई किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया।
खालिद, इमाम और कई अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी 2020 के दंगों के कथित तौर पर ‘मास्टरमाइंड’ होने के लिए कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी।
इमाम को इस मामले में 25 अगस्त, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
भाषा
जोहेब दिलीप
दिलीप