मदुरै, एक जुलाई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शिवगंगा में हिरासत में हुई मौत के मामले में एक जांच अधिकारी नियुक्त किया और मामले की सीबी-सीआईडी जांच की अनुमति दी।
शिवगंगा के तिरुप्पुवनम निवासी अजित कुमार (29) को स्थानीय पुलिस ने चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया था। बाद में कुमार की मौत पर राज्य में काफी आक्रोश फैल गया।
उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के समक्ष मामले की पैरवी करने वाले वकील हेनरी टीफाग्ने ने कहा कि अदालत ने मदुरै के चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जॉन सुंदरलाल सुरेश को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
टीफाग्ने सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सभी फाइलें, साक्ष्य उन्हें 2-3 दिनों के भीतर सौंप दिए जाने चाहिए। वह आठ जुलाई को रिपोर्ट सौंपेंगे।”
उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले की जांच सीबी-सीआईडी को करने की अनुमति दे दी है, जिसे दिन में ही इस मामले की जांच सौंपी गयी थी। एजेंसी बाद में एक स्थिति रिपोर्ट भी पेश करेगी।
टीफाग्ने ने कहा कि सरकारी पक्ष ने बताया कि घटना में मनामदुरै पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के अधीन काम कर रही एक “विशेष टीम” के शामिल होने के कारण संबंधित अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
टीफाग्ने ने कहा कि अदालत में यह दलील दी गई कि “विशेष टीम” ने प्राथमिकी दर्ज किए बिना अजित कुमार को उठा लिया और जांच की आड़ में विभिन्न अवसरों और विभिन्न स्थानों पर उनकी पिटाई की। शिवगंगा के मदप्पुरम में एक मंदिर की गौशाला वह आखिरी जगह थी, जहां उसकी पाइप और डंडों से पिटाई की गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ित की आंखों और मुंह में मिर्च पाउडर फेंका गया।
पीड़ित के परिवार ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया है।
भाषा प्रशांत दिलीप
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