तिरुवनंतपुरम, एक जुलाई (भाषा) कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केरल के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रावदा चंद्रशेखर की नियुक्ति राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के बीच हुए समझौते के तहत हुई है।
उन्होंने कन्नूर में पत्रकारों से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) यहां वाम मोर्चा सरकार और केंद्र सरकार के बीच समझौता (के) उम्मीदवार हैं।’’
वेणुगोपाल ने कहा कि चंद्रशेखर को दो सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री के सुरक्षा विभाग का सचिव बनाया गया था। फिर भी केंद्र सरकार उन्हें केरल का डीजीपी बनाने पर सहमत हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि नितिन अग्रवाल से छुटकारा पाने के लिए केंद्र और राज्य के बीच एक समझौता हुआ है। सूची में नितिन नंबर एक पर थे लेकिन केंद्र सरकार की सूची में वह नहीं थे।”
उन्होंने कहा कि केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार को 1994 के कुथुपरम्बा गोलीबारी के संबंध में माकपा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों के लिए अपने कार्यकर्ताओं और शहीदों के परिवारों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। कुथुपरम्बा गोलीबारी में माकपा के पांच युवा कार्यकर्ता मारे गए थे।
पूर्व में एलडीएफ सरकार द्वारा तत्कालीन सहकारिता मंत्री एम वी राघवन और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, इसमें थालास्सेरी के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रवादा चंद्रशेखर भी आरोपी थे।
वेणुगोपाल ने कहा कि माकपा द्वारा चंद्रशेखर के खिलाफ लगाए गए आरोपों से अभी भी लोग अवगत हैं।
वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर माकपा के बदले रवैये में रहस्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की खातिर ‘ईमानदार’ पुलिस अधिकारियों को खारिज करके चंद्रशेखर को डीजीपी बनाया गया।
हालांकि, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने सोमवार को चंद्रशेखर की नियुक्ति को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा था कि अधिकारी केवल एक मंत्री की जान को उग्र भीड़ से बचाने के लिए अपना कर्तव्य निभा रहा था।
माकपा की केरल इकाई के राज्य सचिव एम. वी. गोविंदन ने भी सरकार के फैसले को उचित ठहराया और कहा कि पुलिस अधिकारी की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की गई है।
भाषा यासिर पवनेश
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