नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने मंगलवार को कहा कि सरकार कुशल तरीके से कोयला निकासी को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीकों को प्रोत्साह दे रही है और अब इस ईंधन की कमी अतीत की बात हो गई है।
दुबे ने बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, कोयले की कमी अतीत की बात हो गई है।’’
बयान में कहा गया है कि मंत्री कोल इंडिया की इकाई साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (एसईसीएल) के परिचालन क्षेत्रों के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं।
उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय सुरक्षित और कुशल रूप से कोयला निकालने को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीकों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहन दे रहा है। उन्होंने अत्याधुनिक उपकरणों को अपनाने के लिए एसईसीएल की सराहना की।
मंत्री ने कहा, ‘‘कंटिन्यूअस माइनर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए हमारा लक्ष्य भूमिगत कोयला उत्पादन को बढ़ाना और 2030 तक भूमिगत खदानों से 10 करोड़ टन का लक्ष्य हासिल करना है।’’
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया का कोयला उत्पादन जून में 8.5 प्रतिशत घटकर 5.78 करोड़ टन रहा। जबकि सरकार का आयात पर निर्भरता कम करने के लिए उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है।
कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा कोयला उत्पादन 6.31 करोड़ टन था।
चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का कोयला उत्पादन घटकर 18.33 करोड़ टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में 18.93 टन था। हालांकि, कंपनी ने कोयला उत्पादन में गिरावट का कारण नहीं बताया।
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