जौनपुर, एक जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने बहुचर्चित जनार्दन सिंह हत्याकांड मामले में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय सिंह विद्यार्थी व प्रमोद कुमार सिंह को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जिला शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने बताया कि यह मामला 25 वर्ष पूर्व तीन अक्टूबर 2000 को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के इटौरी बाजार का है।
वादी अनिरुद्ध सिंह ने इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनके भाई जनार्दन सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस घटना से चार दिन पहले वादी का भतीजा देवेंद्र सिंह बाजार गया था, जहां सोनिकपुर निवासी अजय कुमार ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसके काम में किसी ने दखल दिया, तो गोली मार दी जाएगी। इस पर वादी ने एक पंचायत बुलाई, जिसकी जानकारी अजय समेत विजय सिंह विद्यार्थी को हो गई। इस पर वे लोग नाराज हो गए।
वारदात वाले दिन वादी का भाई जनार्दन सिंह और भतीजा देवेंद्र जब इटौरी बाजार से लौट रहे थे, तभी दो मोटरसाइकिलों से अजय कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह तथा प्रमोद कुमार सिंह वहां पहुंचे। विजय और प्रमोद ने जनार्दन को पकड़ लिया और गोली चला दी, जिससे जनार्दन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
गोली चलने की आवाज पर वादी और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। सभी आरोपी एक ही मोटरसाइकिल से भाग निकले। दूसरी बाइक घटनास्थल पर ही छूट गई।
पुलिस ने मामले की विवेचना कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
सरकारी वकील अरुण कुमार ने पैरवी करते हुए गवाहों के माध्यम से आरोपियों की भूमिका अदालत में स्पष्ट की।
दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रणजीत कुमार की अदालत ने विजय सिंह विद्यार्थी और प्रमोद कुमार सिंह को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
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