कोलकाता, एक जुलाई (भाषा) कोलकाता के एक विधि महाविद्यालय में प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत शहर की एक अदालत ने मंगलवार को बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी।
इन तीनों में मुख्य संदिग्ध मनोजीत मिश्रा, एक अस्थायी कर्मचारी और ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ का पूर्व छात्र है, जहां 25 जून की शाम को यह घटना घटी थी, तथा दो वर्तमान छात्र – जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी शामिल हैं।
उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें शुरू में चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
मंगलवार को अलीपुर अदालत में पेश करने पर उनकी पुलिस हिरासत आठ दिन बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी गई।
इस मामले में कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी 28 जून को गिरफ्तार किया गया था। उसकी पुलिस हिरासत चार जुलाई तक बढ़ा दी गई है।
पुलिस हिरासत की अवधि सरकारी वकील और जांच अधिकारी की प्रार्थना के बाद बढ़ाई गई, जिन्होंने आरोपी से पूछताछ के लिए और समय मांगा था।
सूत्रों के अनुसार, तीनों आरोपियों – मिश्रा, अहमद और मुखर्जी – के बचाव पक्ष के वकीलों ने जमानत याचिका दायर नहीं की, बल्कि अदालत को बताया कि आरोपी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और सच्चाई सामने लाने में मदद करने के इच्छुक हैं।
उन्होंने अदालत से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आरोप साबित होने से पहले कोई ‘मीडिया ट्रायल’ न हो और अनुरोध किया कि इस प्रक्रिया में अभियुक्त को “परेशान” न किया जाए।
सुरक्षा गार्ड के वकील ने जमानत की गुहार लगाते हुए तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह अपनी ड्यूटी की जगह छोड़कर नहीं गया था।
अदालत ने हालांकि याचिका खारिज कर दी और उसकी पुलिस हिरासत भी बढ़ा दी।
भाषा
प्रशांत पवनेश
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