नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) ने अवसंरचना परियोजनाओं के लिए निर्माण क्षेत्र से जुड़ी 100 कंपनियों को 11 लाख टन इस्पात रियायती दरों पर बेचा, जिसे इन कंपनियों ने बाद में अधिक कीमत पर बेचकर मुनाफा कमाया।
पार्टी नेता अजय कुमार ने यह दावा भी किया कि 10 दिन पुरानी एक कंपनी को 750 करोड़ रुपये का ऑर्डर दे दिया गया।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार में ‘‘भ्रष्टाचार का अमृतकाल’’ है।
कांग्रेस के आरोपों पर फिलहाल इस्पात मंत्रालय या सेल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सेल ने अवसंरचना परियोजनाओं के लिए निर्माण क्षेत्र से जुड़ी 100 कंपनियों को 11 लाख टन स्टील रियायती दरों पर बेचा, जिसे इन कंपनियों ने बाद में अधिक कीमत पर बेचकर मुनाफा कमाया। सेल में महाप्रबंधक पद पर कार्यरत एक ईमानदार अधिकारी राजीव भाटिया ने 10 दिन पुरानी ‘वेंकटेश इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा 400-800 करोड़ रुपये का घोटाला करने का खुलासा किया था। लेकिन बिना किसी कारण के उन्हें 10 महीने तक निलंबित रखा गया। बाद में उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए मजबूर किया गया।’’
उन्होंने दावा किया कि घोटाले की जांच के दौरान निलंबित किए गए दो दर्जन से अधिक अधिकारियों को लोकसभा चुनाव के बहाने फिर से बहाल कर दिया गया।
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