जयपुर, एक जुलाई (भाषा) राजस्थान सरकार ने सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 के संबंध में कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट मंगलवार को उच्च न्यायालय में पेश की। इस रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करने की सिफारिश की गई है।
सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने आज समिति की रिपोर्ट पेश की।
अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘समिति ने पाया कि एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करना जल्दबाजी होगी। विशेष जांच टीम (एसओजी) विस्तृत जांच कर रही है और गिरफ्तारियां कर रही है। ‘दागी और साफ’ उम्मीदवारों को अलग करना संभव है।’
इस मामले की अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।
चयनित उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर ने तर्क दिया कि भर्ती रद्द करने से कई निर्दोष उम्मीदवारों को बिना वजह नुकसान होगा।
माथुर ने कहा, ‘उप-समिति ने कहा है कि बड़ी संख्या में उम्मीदवारों पर कोई आपत्ति नहीं है। यदि कोई आपत्ति नहीं है तो मेरा मानना है कि उप-समिति की रिपोर्ट पूरी तरह से उचित है। कुछ दागी उम्मीदवारों के लिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती।’
दूसरी ओर, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आरपी सिंह और हरेंद्र नील ने कहा कि वे अगली सुनवाई में मामले पर अपना जवाब पेश करेंगे। नील ने संवाददाताओं को बताया कि समिति ने अदालत के समक्ष पेश अपनी रिपोर्ट में चार सिफारिशें की हैं। नील ने कहा कि इन सिफारिशों में एसआईटी द्वारा अपनी जांच जारी रखना, दागी उम्मीदवारों को भविष्य की सरकारी परीक्षाओं से वंचित रखना, भर्ती रद्द नहीं किया जाना और पर्याप्त रिक्तियों का विज्ञापन निकालते हुए भावी परीक्षा में उम्मीदवारों को आयु में छूट दिया जाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि अदालत में पेश उप-समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने 2021 में सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 859 पदों के लिए विज्ञापन दिया था। भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने के आरोप सामने आए, जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को सौंप दी। पेपर लीक में शामिल अन्य लोगों के अलावा 50 से अधिक प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान सरकार ने पिछले साल परीक्षा रद्द करने या न करने का फैसला लेने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया था।
भाषा
पृथ्वी रवि कांत पवनेश
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