नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को नरेन्द्र मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत हासिल की गई उपलब्धियों को रेखांकित किया और इसकी सफलता पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।
भाजपा ने कहा कि लोगों ने कांग्रेस को खारिज कर दिया है और वे पार्टी के ‘भ्रष्टाचार, परिवारवाद और नमाजवाद’ के ‘विनाशकारी’ मॉडल के कारण ऐसा करना जारी रखेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस दावे का खंडन किया कि लाखों गांवों को अभी भी भारतनेट परियोजना के तहत कवर किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि देश के 95 फीसदी गांवों तक इंटरनेट पहुंच चुका है।
भंडारी ने यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कांग्रेस के शासन के दौरान जहां सिर्फ 27 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, वहीं आज 97 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन हैं। यह हकीकत है और डिजिटल इंडिया की सफलता है। लेकिन, कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं करेगी।’’
एक दशक पहले शुरू किए गए डिजिटल इंडिया अभियान के तहत हासिल की गई उपलब्धियों को गिनाते हुए भंडारी ने कहा कि इस पहल की सफलता के कारण 50 फीसदी वैश्विक लेन-देन भारत में हो रहे हैं और इसके सबसे बड़े लाभार्थी गरीबों के साथ-साथ मध्यम वर्ग और निम्न-मध्यम वर्ग के लोग हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया पहल की सफलता के कारण विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में वित्तीय सहायता मिल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज देश के लोगों के सामने दो मॉडल हैं। एक प्रधानमंत्री मोदी का विकास का मॉडल है और दूसरा विपक्ष का ‘भ्रष्टाचार’, ‘परिवारवाद’ और ‘नमाजवाद’ का मॉडल है, जो विनाशकारी है।’’
भंडारी ने कहा कि देश ने विभिन्न मोर्चों पर सफलता के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विकास मॉडल को चुना है और कांग्रेस के ‘जनविरोधी’ मॉडल को खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि देश विपक्ष के ‘विनाश’, ‘परिवारवाद’, ‘भ्रष्टाचार’ और ‘नमाजवाद’ को अस्वीकार करता रहेगा, क्योंकि ये ‘स्वाभाविक रूप से’ जनविरोधी और विकास विरोधी हैं।
भंडारी ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहा करते थे कि (कल्याण और गरीबी उन्मूलन के लिए आवंटित) प्रत्येक रुपये में से केवल 15 पैसे ही गरीबों तक पहुंचते हैं। आज, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में भी यही हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि लोग विपक्ष को खारिज कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी के विकास मॉडल को चुन रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दोनों मॉडल देखें-‘इंडिया’ गठबंधन का ‘भ्रष्टाचार’, ‘इंडिया’ गठबंधन का मतलब है ‘नमाजवाद’, ‘इंडिया’ गठबंधन का मतलब है ‘विनाशवाद’। प्रधानमंत्री मोदी सरकार का मतलब है ‘विकास, विकास विकास’।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि एक दशक पहले शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल ने संपन्न और वंचित तबकों के बीच की डिजिटल खाई को पाट दिया है तथा अवसरों का लोकतंत्रीकरण किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल एक जन आंदोलन बन गई है।
लिंक्डेन पर जारी एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि दशकों तक भारतीयों की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की क्षमता पर संदेह किया जाता रहा, लेकिन उनकी सरकार ने इस दृष्टिकोण को बदल दिया और नागरिकों की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की क्षमता पर भरोसा किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने संपन्न और वंचित तबकों के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया है।
वहीं, कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार के ‘बड़े-बड़े दावों’ की बारीकियों में अधूरे वादे, हाशिये पर पड़े लोगों का डिजिटल बहिष्कार, निजता को नुकसान और पारदर्शिता को कमजोर किया जाना छिपा हुआ है।
दस साल पूरे करने वाली इस पहल की सफलता के सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए खरगे ने ऐसे गांवों और स्कूलों के आंकड़ों का हवाला दिया, जहां अभी तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नहीं पहुंची है, सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है।
इसी के साथ विपक्षी दल ने अपने शासन के दौरान आधार और यूपीआई जैसी कई अग्रणी पहल की नींव रखने का श्रेय लेने की कोशिश की।
भाषा पारुल नरेश
नरेश