दुबई, एक जुलाई (एपी) ईरान अपने परमाणु स्थलों पर अमेरिकी और इजराइली हवाई हमलों से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। हालांकि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ वार्ता फिर शुरू करने की संभावना को मंगलवार को खुला रखा।
सरकार के प्रवक्ता फतेमेह मोहजेरानी की टिप्पणियों में यह भी स्वीकारोक्ति शामिल थी कि फोर्दो, इस्फ़हान और नतांज पर अमेरिकी हमलों से ‘गंभीर क्षति’ हुई है। ये ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख स्थल हैं।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ के मुताबिक, मोहजेरानी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की है।
अमेरिका के साथ वार्ता के लिए दरवाजा खुला रखना संभवतः यह दर्शाता है कि ईरान अधिक आर्थिक परेशानी से बचना चाहता है।
मोहजेरानी ने कहा, ‘(अमेरिकी वार्ता के लिए) कोई तारीख घोषित नहीं की गई है, और यह संभवतः बहुत जल्दी नहीं होगी, लेकिन इस बाबत कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’
‘इरना’ की खबर के मुताबिक, सोमवार को ईरानी न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने कहा कि इज़राइली हमलों में 935 ईरानी नागरिक मारे गए, जिनमें 38 बच्चे और 102 महिलाएं शामिल हैं।
जहांगीर ने कहा, ‘दुश्मन का उद्देश्य सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों की हत्या कर देश की परिस्थितियों को बदलना था, जिसका उद्देश्य भय फैलाना और दबाव डालना था।’ हालांकि, उन्होंने भी दावा किया कि ईरान ने युद्ध ‘जीत’ लिया है। देश के 86 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी जंग में ईरान की जीत का दावा किया है।
वहीं, अमेरिका के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सप्ताहांत में कहा था कि एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार 1,190 लोग मारे गए हैं जिनमें 435 सैन्यकर्मी हैं।
एपी नोमान अविनाश
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