चंडीगढ़, एक जुलाई (भाषा) अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले को चुनौती दी और इसे आप सरकार की आलोचना करने के लिए “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।
ब्यूरो ने 25 जून को एक प्राथमिकी दर्ज की थी और 540 करोड़ रुपये के कथित ‘ड्रग मनी’ (मादक पदार्थ की तस्करी से प्राप्त आय) के शोधन मामले में मजीठिया को गिरफ्तार किया था।
अपने वकीलों अर्शदीप सिंह चीमा और सरतेज सिंह नरूला के माध्यम से दायर याचिका में मजीठिया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज प्राथमिकी में “अवैध” गिरफ्तारी और उसके बाद दी गई हिरासत के खिलाफ उचित राहत की मांग की।
याचिका में कहा गया है, “प्राथमिकी राजनीतिक प्रतिशोध और बदले की भावना का परिणाम है, जो वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था द्वारा शुरू की गयी है, जिसका एकमात्र उद्देश्य याचिकाकर्ता को बदनाम करना और परेशान करना है, जो एक मुखर आलोचक और राजनीतिक विरोधी रहे हैं।”
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी “स्पष्ट रूप से अवैध” है, जबकि उनकी गिरफ्तारी “स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन” करके की गई।
गिरफ्तारी के बाद मजीठिया को 26 जून को मोहाली की एक अदालत ने सात दिन के लिये सतर्कता ब्यूरो की हिरासत में भेज दिया था।
भाषा प्रशांत पवनेश
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