शिमला, एक जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के भटाकुफ्फर में पांच मंजिला इमारत ढहने के एक दिन बाद इसके मालिक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और चार लेन सड़क निर्माण करने वाली कंपनी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए इसे (लापरवाही को) हादसे का कारण बताया गया है।
मकान मालिक रंजना वर्मा ने आरोप लगाया कि फोरलेन निर्माण कार्य के कारण उनकी इमारत के पास दरारें आ गई थीं और सोमवार सुबह भारी बारिश के बीच इमारत ढह गई।
यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ कुछ ही घंटे पहले गलत तरीके से रोकने और स्वेच्छा से चोट पहुँचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक इमारत ढहने वाले स्थान का निरीक्षण करते समय दो एनएचएआई अधिकारियों के साथ मारपीट की।
चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रास्ते पर माथु कॉलोनी में स्थित इमारत सोमवार को ढह गई, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। आसपास की दो इमारतें भी खतरे में हैं।
वर्मा ने कहा, ‘शनिवार की बारिश के बाद जमीन खिसकने के कारण हमने रविवार रात को इमारत खाली कर दी थी। इमारत सोमवार सुबह करीब 8:15 बजे ढह गई।’
उन्होंने कहा कि चार लेन की सड़क निर्माण की वजह से इमारत खतरे में पड़ गई थी, लेकिन इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने इमारत ढहने वाली जगह का दौरा किया, जिसके बाद निवासियों ने कार्यालय में उनसे मुलाकात की और छह और घरों में दरारें आने के बाद एनएचएआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत ढली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी मंगलवार को घटनास्थल का दौरा किया और निर्माण कंपनी द्वारा की जा रही ’90 डिग्री कटिंग’ पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उठाया जाएगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अनुरोध किया कि चार लेन निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए।
भाषा
शुभम पवनेश
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