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शिमला, एक जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, पांच अन्य घायल हो गए और 16 व्यक्ति लापता हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
राज्य में मंगलवार को बादल फटने की 11 घटनाएं हुईं, जबकि अचानक बाढ़ की चार और बड़े भूस्खलन की एक घटना हुई। अधिकतर घटनाएं मंडी जिले में हुईं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
सोमवार शाम से मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विभाग ने बुधवार को तीन जिलों कांगड़ा, सोलन व सिरमौर और शनिवार को चार जिलों ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं। मंडी में 994 ‘ट्रांसफार्मर’ पर भी इसका असर पड़ा है।
अधिकारियों ने बताया कि 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 30 मवेशी मारे गए हैं तथा मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।
एसईओसी ने बताया कि कुल 332 लोगों को बचाया गया है, जिनमें मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोग शामिल हैं।
मंडी जिले के गोहर में चार, करसोग में तीन, धरमपुर में दो और थुनाग में एक स्थान पर बादल फटने घटना हुई।
बाड़ा में दो और तलवारा में एक व्यक्ति की मौत हुई। करसोग के पुराने बाजार में एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया।
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि भारी बारिश के बाद बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जिले में कुछ स्थानों पर व्यापक नुकसान होने के कारण कई लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो-दो टीम पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर जिले में खोज और बचाव अभियान में लगी हुई हैं।
जिले की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं और ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। पंडोह बांध का जलस्तर खतरे के निशान 2,922 फुट के मुकाबले 2,941 फुट तक पहुंच गया है।
चंडीगढ़-मनाली चार लेन मार्ग वर्तमान में द्वाडा, झलोगी और बनाला सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध है, जबकि कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग केवल हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए खुला है।
कई स्थानों पर यातायात संबंधी समस्याओं के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 जून को मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से अब तक हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भाषा जोहेब सुभाष
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