पोर्ट ब्लेयर, दो जुलाई (भाषा) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत डुगोंग क्रीक में ओन्गे जनजाति के लिए एक वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य नारियल आधारित उत्पादों के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
लिटिल अंडमान में स्थित डुगोंग क्रीक (पोर्ट ब्लेयर से लगभग 93 किलोमीटर दूर) ओन्गे जनजाति के लिए आरक्षित क्षेत्र है और वर्तमान में यहां केवल 140 लोग रहते हैं, जिनमें 74 पुरुष और 66 महिलाएं शामिल हैं।
मुख्य सचिव चंद्र भूषण कुमार ने बुधवार को यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वीडीवीके पहल ओन्गे समुदाय की पारंपरिक प्रथाओं पर आधारित है। ओन्गे जनजाति विशेष रूप से एक कमजोर जनजातीय समूह है।
कुमार ने कहा, ‘‘ओन्गे जनजाति अपनी परंपरा के तहत अपने आरक्षित वन क्षेत्रों में वर्षों से नारियल आधारित उत्पाद बनाती रही है। हमने वर्जिन नारियल तेल (जिसे हाल ही में जीआई टैग मिला है) सहित उनके उत्पाद में मूल्य संवर्धन किया है और वीडीवीके के माध्यम से बाजार बनाने में उनकी मदद की है।’’
कुमार ने कहा, ‘‘हम उनके उत्पादों की शुद्धता को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यह हमारे लिए भी सीखने की प्रक्रिया है, लेकिन मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ओन्गे जनजाति ने उनके कल्याण के लिए शुरू किए गए हमारे छोटे प्रयासों का तहे दिल से स्वागत किया है। हम इस पहल पर एक लघु वृत्तचित्र बनाने की प्रक्रिया में भी हैं।’’
वीडीवीके को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया है।
जनजातीय कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘वीडीवीके ओन्गे के सतत उद्यम और आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से आजीविका में क्रांति लाने के लिए तैयार है।’’
शुरुआत में, ओन्गे जनजाति के 56 सदस्य वीडीवीके का हिस्सा होंगे, जो उच्च गुणवत्ता वाले खोपरा और कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल सहित मूल्यवर्धित नारियल आधारित उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
समुदाय को सशक्त बनाने के लिए, ओन्गे वीडीवीके के सदस्यों को खोपरा प्रसंस्करण, नारियल तेल निकालने और विशेष मशीनरी के उपयोग में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है।
एक अन्य ऐतिहासिक उपलब्धि में, ओन्गे समुदाय के नौ विद्यार्थियों ने पहली बार इस वर्ष कक्षा 10 में सीबीएसई की परीक्षा उत्तीर्ण की।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह पहल इन द्वीपों की जनजातियों के कल्याण और सुरक्षा के लिए ओन्गे छात्रों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की अटूट प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाता है।’’
भाषा अमित खारी
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