शिलॉन्ग, दो जुलाई (भाषा) राज्य की राजधानी में सड़क विक्रेताओं को विनियमित कर शहरी भागों को सुव्यवस्थित बनाने के लिए मेघालय सरकार ने यहां तीन स्थान चिन्हित किए हैं जहां 400 पात्र फेरीवालों को जगह देने के साथ ही 20 हजार रुपए का ‘रिलोकेशन भत्ता’ भी दिया जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शहरी कार्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया कि, फेरीवालों को स्थानांतरित करने के लिए शहर के भीतर तीन प्रमुख जगहें तय की गई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें मेघालय शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) का पार्किंग स्थल और परिसर के बाहर वाला स्थान, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) मुख्य शाखा के समक्ष नगर निगम पार्किंग स्थल शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच 23 जगहों पर एक सर्वेक्षण कराया गया जिसमें चिह्नित किए गए कुल 1400 सड़क विक्रेताओं में से 760 पात्र पाए गए।
पिछले सप्ताह जब सड़क विक्रेता (जीविका सुरक्षा और सड़क विक्रेता विनियमन) अधिनियम, 2014 के तहत स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की गई तो कई फेरीवालों ने इसका विरोध किया।
फेरीवालों ने मंगलवार को सचिवालय के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन किया जो जिला प्रशासन के सचिवालय परिसर में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन न करने के आदेश का उल्लंघन था।
पूर्व खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सिएम ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद न्यायाधीश ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस ने फेरीवालों की तहरीर पर चार और शिलॉन्ग नगर निगम के अधिकारियों की शिकायत पर पांच प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
शहरी मामलों के विभाग ने यह भी बताया कि सड़क विक्रेताओं और यातायात की समस्या से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे मेघालय उच्च न्यायालय के आदेशों का पूरी तरह पालन करते हुए यह कार्रवाई की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, शिलॉन्ग के बाकी इलाकों में भी धीरे-धीरे इस मुहिम को आगे बढ़ाया जाएगा। यह एक लंबी अवधि की योजना का हिस्सा है जिसका मकसद सड़क के किनारे फेरी वालों की व्यवस्था को कानूनी और इस तरह बनाना है, जिसके उनके हितों की सुरक्षा भी हो और यातायात में व्यवधान भी न हो।
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