शिमला, दो जुलाई (भाषा) शिमला के भट्टा कुफर इलाके में पांच मंजिला इमारत गिरने के विवाद में बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दो अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर जान को खतरे में डालने और जानबूझकर चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
इससे एक दिन पहले हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ गलत तरीके से रोकने और जानबूझकर चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उन पर इमारत ढहने वाले स्थान का निरीक्षण करने के दौरान एनएचएआई के दो अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला करने का आरोप है।
मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी एनएचएआई कर्मचारी अचल जिंदल की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जो शिमला में फोर-लेन वाली एक परियोजना के प्रबंधक हैं। जिंदल ने आरोप लगाया था कि उन्हें और उनके साइट इंजीनियर योगेश को सिंह ने एक कमरे में बुलाया और उनकी पिटाई की।
मंगलवार को भी एक मामला दर्ज किया गया था, जब इमारत मालिक और अन्य ने आरोप लगाया था कि एनएचएआई और फोर लेन सड़क परियोजना में लगी कंपनी की लापरवाही के कारण मकान ढह गया और अन्य इमारतों में दरारें आ गईं।
बुधवार को एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ दो और मामले दर्ज किए गए, जब भट्टा कुफर के आठ निवासियों, जिनमें कुछ के घर प्रभावित हुए हैं, तथा चमियाना पंचायत के वार्ड सदस्य निहाल ठाकुर ने शिकायत दर्ज कराई।
अनिल कुमार, हेत राम, गिरी ठाकुर, के आर मेहता, अनिल वर्मा, सोहन ठाकुर, राजेश ठाकुर और अशोक राज्टा की शिकायत पर जिंदल के खिलाफ धारा 126 (2) गलत तरीके से रोकने, 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य), 352 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 3 (5) (कई लोगों की आपराधिक जिम्मेदारी) के तहत मामला दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जिंदल ने उन्हें मंत्री अनिरुद्ध सिंह से मिलने से रोका। जिंदल के हवाले से कहा गया, ‘हम एनएचएआई से हैं, पैसे की कोई कमी नहीं है और मुआवज़ा दिया जाएगा। लेकिन अगर आप मंत्री से शिकायत करेंगे, तो काम रोक दिया जाएगा, भविष्य में कोई मुआवज़ा नहीं दिया जाएगा और निवासियों के खिलाफ़ झूठे मामले दर्ज किए जाएंगे।’
उन्होंने दावा किया, ‘जब हमने विरोध किया, तो जिंदल ने एक स्थानीय निवासी के साथ हाथापाई की, उसकी बांह मरोड़ दी और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।’
जिंदल और साइट इंजीनियर योगेश के खिलाफ एक अन्य शिकायत में वार्ड सदस्य निहाल ठाकुर ने उन पर अनुचित व्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया, जिसके बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 126 (2), 352 और 3 (5) के तहत एक और मामला दर्ज किया गया।
चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जाने वाली सड़क पर माथु कॉलोनी में स्थित इमारत सोमवार को गिर गई, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
चमियाना ग्राम पंचायत के उप प्रधान यशपाल वर्मा के अनुसार, पिछले वर्ष इमारत में दरारें आ गई थीं, लेकिन कैथलीघाट-ढल्ली फोरलेन सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि भवन सुरक्षित है।
उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण इमारत ढह गई और पंचायत ने कंपनी को काम रोकने के लिए पत्र लिखा था, क्योंकि इससे इमारतें असुरक्षित हो रही थीं।
मंगलवार को इमारत की मालिक रंजना वर्मा की शिकायत पर बीएनएस की धारा 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य) और 324 (4) (संपत्ति को नुकसान या क्षति पहुंचाने वाली शरारत) के तहत एनएचएआई और सड़क के फोरलेन निर्माण में लगी कंपनी के खिलाफ कथित लापरवाही के लिए मामला दर्ज किया गया।
भाषा आशीष रंजन
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