लखनऊ, दो जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल किया जा रहा है और सरकार के मुताबिक इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान से मिली।
सरकार द्वारा यहां जारी बयान के मुताबिक राज्य में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम के लिए राज्य में एआई और आईओटी आधारित 57 ‘चेकगेट’ स्थापित किए गए हैं, जो खनन में शामिल वाहनों की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। बयान के अनुसार इन चेकगेट पर परिवहन विभाग के सहयोग से ‘वेट-इन-मोशन’ तकनीक का उपयोग करके ‘ओवरलोडिंग’ पर अंकुश लगाया जा रहा है।
बयान के अनुसार अब तक 21 हजार 477 वाहनों को अवैध परिवहन के लिए प्रतिबंधित किया गया है। बयान के अनुसार इसके अलावा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग गूगल अर्थ, आर्क जीआईएस और एलआईएसएस—4 उपग्रह डेटा के जरिये अवैध खनन की पहचान और नए खनिज क्षेत्रों की खोज कर रहा है।
बयान के मुताबिक ड्रोन तकनीक का उपयोग करके खनन क्षेत्रों की लंबाई, चौड़ाई और गहराई का आकलन किया जा रहा है। बयान के मुताबिक ड्रोन के माध्यम से विश्लेषण के जरिए खनन की मात्रा का सटीक अनुमान लगाया जाता है, जिसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
बयान के अनुसार इसके अलावा, भंडारित उपखनिजों का भी ड्रोन से विश्लेषण किया जा रहा है। इसके अनुसार ड्रोन की मदद से खनन योग्य क्षेत्रों का चिह्नांकन कर पट्टों का व्यवस्थापन किया जा रहा है, जिससे अधिकतम खनन योग्य क्षेत्रों का उपयोग संभव हो सके।
भाषा सलीम अमित
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