नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) ब्रिटेन के साथ संपन्न मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के एक अंतर्निहित घटक के तौर पर भारत जल्द ही एक सामाजिक सुरक्षा समझौता कर सकता है। बुधवार को एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
सूत्र ने कहा कि अब से सामाजिक सुरक्षा समझौता (एसएसए) भविष्य में बातचीत किए जाने वाले सभी मुक्त व्यापार समझौतों का एक अंतर्निहित हिस्सा होगा।
सूत्र ने कहा, ‘‘माना जाता है कि ब्रिटेन एफटीए वार्ता के तहत सामाजिक सुरक्षा घटक पर सहमत हो गया है। इसे निकट भविष्य में अनुमोदित कर दिया जाएगा।’’
सामाजिक सुरक्षा समझौता, दो या दो से अधिक देशों के बीच एक पारस्परिक व्यवस्था है जो यह सुनिश्चित करती है कि विदेश में काम करने वाले कर्मचारी को सुरक्षा कवरेज कोष में योगदान नहीं करना पड़ता है, लेकिन पेंशन गणना के लिए उसे रोजगार अवधि का पूरा लाभ मिलता है। नियोक्ता भी अपने कर्मचारियों की ओर से दोहरा सामाजिक सुरक्षा योगदान करने से बच जाते हैं।
विदेश में पदस्थ या विदेशी नियुक्ति पर तैनात भारतीय कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ से कवरेज प्रमाणपत्र (सीओसी) लेना जरूरी होता है। इससे कर्मचारी तैनाती वाले देशों में सामाजिक सुरक्षा योगदान के भुगतान से बच जाते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को उन देशों में तैनात कर्मचारियों को कवरेज प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है जिन्होंने भारत के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए हैं।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने वाणिज्य मंत्रालय से भविष्य में सभी एफटीए वार्ताओं में एसएसए को शामिल करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी लोगों की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कर रहे हैं।’’
फिलहाल भारत ने कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्वीडन और ब्राजील समेत 22 देशों के साथ एसएसए किए हुए हैं। इन सभी 22 देशों के नागरिकों को भारत में तैनात होने पर समान लाभ मिलता है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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