बेंगलुरु, दो जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने बुधवार को दावा किया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की ‘‘तैयारी’’ करने के लिए राज्य में आए हैं।
बी. वाई. विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि राज्य का प्रशासनिक तंत्र ध्वस्त हो चुका है और शासन व्यवस्था अव्यवस्थित हो चुकी है। कांग्रेस विधायकों के बीच आपसी लड़ाई बढ़ती जा रही है और विकास कार्य ठप हो गए हैं।
विजयेंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु में हैं। वह यहां क्यों हैं। उन्हें भ्रष्ट कांग्रेस सरकार के पतन की कोई चिंता नहीं है।’’
उन्होंने दावा किया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विधायकों की राय ले रहे हैं और सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए आधार तैयार कर रहे हैं। शीर्ष पद के लिए लड़ाई तेज हो गई है जिसके कारण राज्य में खरीद-फरोख्त की संभावना है।
रामनगर के विधायक इकबाल अंसारी के हाल के बयान का जिक्र करते हुए कि उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार को 100 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, इस पर भाजपा के प्रदेश प्रमुख ने कहा कि बी. आर. पाटिल और राजू कागे सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी सिद्धरमैया के खिलाफ बात की है।
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों का विश्वास खो दिया है। विजयेंद्र ने राज्यपाल से स्थिति पर ध्यान देने का आग्रह किया।
भाजपा नेता ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और उस पर ‘‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता’’ का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार की विफलताओं के कारण किसानों, अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा आत्महत्या करने के मामले बढ़ रहे हैं।
विजयेंद्र ने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस विधायक भी निजी तौर पर इस गड़बड़ी को स्वीकार करते हैं।
कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा वाल्मीकि विकास निगम घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने के फैसले को उन्होंने भाजपा की महत्वपूर्ण जीत बताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निर्धारित 187 करोड़ रुपये पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भेज दिए गए और संपत्ति, आभूषण खरीदने तथा चुनाव खर्च के लिए इसका दुरुपयोग किया गया।
विजयेंद्र ने दावा किया कि सिद्धरमैया को भाजपा के दबाव में मंत्री बी. नागेंद्र को मंत्रिमंडल से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन उन्हें फिर से शामिल करने के प्रयास अभी भी किए जा रहे हैं।
भाषा प्रीति रंजन
रंजन