नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) विश्व बैंक समूह के सदस्य अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने बृहस्पतिवार को गुजरात में भारत की सबसे बड़ी एकल आधार पर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना के निर्माण के लिए इंडीग्रिड को 460 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई।
संयुक्त बयान में कहा गया कि इस परियोजना को ग्रिड स्थिरता को बढ़ाकर और अधिकतम मांग के दौरान विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराकर राज्य के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए डिजायन किया गया है।
बयान के अनुसार, 5.5 करोड़ डॉलर (लगभग 460 करोड़ रुपये) का दीर्घकालिक वित्तपोषण सूचीबद्ध गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें आईएफसी के अपने खाते से 3.85 करोड़ डॉलर और स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष से 1.65 करोड़ डॉलर का रियायती समर्थन शामिल होगा, जो विश्व बैंक द्वारा संचालित जलवायु निवेश निधि ढांचे के तहत बहु-दाता ट्रस्ट कोषों में से एक है।
दक्षिण एशिया के लिए आईएफसी के क्षेत्रीय निदेशक इमाद एन फाखौरी ने कहा, “विश्वसनीय, सस्ती बिजली तक पहुंच का विस्तार करना विकास और उभरते बाजारों में आईएफसी के मिशन का केंद्र है। बैटरी ऊर्जा भंडारण भारत के ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने और मांग के उच्चतम होने पर स्वच्छ बिजली उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण है।”
संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत में पर्यावरण अनुकूल और समावेशी बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में इंडीग्रिड, आईएफसी का एक विश्वसनीय साझेदार रहा है।
बयान के अनुसार, हालिया निवेश 2030 तक 100 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता हासिल करने के गुजरात के लक्ष्य का समर्थन करता है और अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल स्थापित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का बिजली क्षेत्र संरचनात्मक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि देश 2030 तक 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
भाषा अनुराग
अनुराग