नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में जम्मू-कश्मीर के निरंतर महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चेनाब पुल, लिथियम की खोज और लैवेंडर की खेती की बैंगनी क्रांति जैसी हाल की महत्वपूर्ण परियोजनाएं क्षेत्र में युवा उद्यमियों को सशक्त बना रही हैं।
कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर भारत की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पहली सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में एक प्रमुख विकास इंजन के रूप में उभरेगा।’’
उन्होंने यह टिप्पणी यहां दिल्ली के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारियों के लिए आयोजित एक अनौपचारिक कार्यक्रम के दौरान की।
उन्होंने 1990 के दशक और 2000 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के कठिन समय को भी याद किया और अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सेवा करने वाले अधिकारियों के साहस की सराहना की।
मंत्री ने अधिकारियों को कठोर पदानुक्रम तोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा बताया कि वह कई अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखते हैं तथा अक्सर सीधे उनसे संपर्क करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे समय की बचत होती है और काम तेजी से पूरा होता है, खासकर तब जब इसका परिणाम लोगों के कल्याण को प्रभावित करता हो।’’
इस मौके पर विभिन्न बैच और सेवाओं के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवा के दिनों को याद किया।
सिंह ने अपने संबोधन में कई अधिकारियों के करियर पर प्रकाश डाला। उन्होंने 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद शुरू की गई एक अग्रणी पहल को याद किया – जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को पिछले वर्षों में विकासात्मक प्रगति का आकलन करने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अपनी पहली तैनाती वाले जिलों का दोबारा दौरा करने को कहा गया था।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य सिंह ने कहा, ‘‘इससे सार्वजनिक सेवा के प्रति निरंतरता और व्यक्तिगत जुड़ाव की भावना आई।’’
कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार बातचीत के दौरान अधिकारियों ने खुलकर अपने अनुभव और चिंताएं साझा कीं।
भाषा
देवेंद्र रंजन
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