नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि खनिजों, खासकर महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के मामले में आत्मनिर्भर बनना ‘विकसित भारत 2047’ के सपने को साकार करने के लिए बुनियादी पहलू होगा।
रेड्डी ने कोयला और खान मंत्रालयों की सलाहकार समिति की बैठक में कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई), रोबोटिक्स और आधुनिक भू-भौतिकी सर्वेक्षण जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाकर खनिज अन्वेषण को मिशन की तरह लिया जा रहा है।
कोयला मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने अन्वेषण प्रयासों में तेजी लाने और देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के लिए खनिज सुरक्षा सुनिश्चित करने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।
रेड्डी ने कहा कि कोयला क्षेत्र ने हरित पहल और स्थिरता को आगे बढ़ाते हुए एक अरब टन से अधिक का घरेलू कोयला उत्पादन हासिल किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि खदानों को बंद करना एक राष्ट्रीय एवं नैतिक जिम्मेदारी है, जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकी को बहाल करना और आजीविका के अवसर पैदा करना है।
आजादी के बाद पहली बार पिछले साल 10 खदानों को सफलतापूर्वक बंद किया गया है, जबकि खान मंत्रालय के फास्ट-ट्रैक नजरिये के तहत 147 अन्य खदानों को शीघ्र बंद करने के लिए चिन्हित किया गया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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