(अदिति खन्ना)
लंदन, तीन जुलाई (भाषा) लंदन की एक कानूनी फर्म ने बृहस्पतिवार को कहा कि तीन सप्ताह पहले अहमदाबाद से ब्रिटेन की राजधानी के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद हुई विमान दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले कई ब्रिटिश परिवारों ने जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद की स्थिति में “गंभीर सवालों” के जवाब के लिए औपचारिक रूप से उसे नियुक्त किया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट के इस महीने के अंत में आने की उम्मीद है।
कीस्टोन लॉ ने कहा कि क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा समर्थित इसकी विमानन टीम चिंता के दो विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ‘‘रैम एयर टर्बाइन (आरएटी) की तैनाती का कारण, और फिर दोनों इंजनों में ‘थ्रस्ट’ का क्रमिक नुकसान’’।
कहा जा रहा है कि कंपनी के विमानन साझेदार जेम्स हीली-प्रैट और ओवेन हन्ना, लगभग 20 ब्रिटिश परिवारों के साथ ‘‘निकटता से काम कर रहे हैं’’। साथ ही वे एअर इंडिया और उसके विमानन बीमाकर्ताओं द्वारा अंतरिम भुगतान से संबंधित नियुक्त लंदन के वकीलों के साथ भी काम कर रहे हैं।
हीली-प्रैट ने कहा, ‘‘यह एआई 171 परिवारों के लिए एक अत्यंत संवेदनशील समय है, और हम ब्रिटेन तथा अमेरिका में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से उनका समर्थन कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हवाई सुरक्षा पहलुओं पर, हमारी तकनीकी जांच टीम का मानना है कि आरएटी स्वचालित रूप से तैनात किया गया था। इससे उड़ान के महत्वपूर्ण बिंदु के आसपास गंभीर प्रणाली विफलता का संकेत मिलता है।’’
प्रैट ने कहा, ‘‘आने वाले हफ़्तों में प्रारंभिक रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद एअर इंडिया और बोइंग दोनों से गंभीर सवाल पूछे जाने चाहिए। एआई 171 के परिवार सच्चाई और न्याय चाहते हैं तथा हम उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं।’’
लंदन गैटविक हवाई अड्डे जा रहा एआई171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर 12 जून को अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके परिणामस्वरूप विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से एक को छोड़कर सभी की मृत्यु हो गई। इसके शहर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास ब्लॉक में दुर्घटनाग्रस्त होने से जमीन पर 19 लोगों की मृत्यु हो गई।
प्रैट ने पीटीआई को बताया कि कानूनी फर्म का ध्यान प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर है, जिसके इस महीने के अंत में आने की उम्मीद है।
वकील ने कहा, ‘‘हम अपने परिवारों को सबूतों के आधार पर कई संभावित परिस्थितियों के लिए तैयार कर रहे हैं, क्योंकि हम हमेशा से इस बात पर स्पष्ट रहे हैं कि हमारी सलाह सबूतों पर आधारित है।’’
अपने निष्कर्षों के आधार पर, हीली-प्रैट ने संकेत दिया कि ‘‘न्याय और सत्य का मार्ग’’ संभवतः लंदन के उच्च न्यायालय या बोइंग के खिलाफ वर्जीनिया के अमेरिकी संघीय न्यायालय में हो सकता है।
भाषा नेत्रपाल माधव
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